हालांकि नागौर एसडीएम द्वारा डेढ़ माह पूर्व लिखे गए पत्र का जवाब नहीं देने व विस्तार के काम को ‘ब्रेक’ लगाने पर जिला कलक्टर ने एक्सईएन से स्पष्टीकरण मांगा है, लेकिन विचारणीय बिन्दु यह है कि जमीन अधिग्रहण के लिए 361.44 लाख रुपए का बजट मिलने के तीन साल बाद भी अधिकारी इस प्रकार की लापरवाही क्यों कर रहे हैं।
45 रकबा की 130.04 बीघा जमीन का होगा अधिग्रहण
नागौर हवाई पट्टी के विस्तार परियोजना के तहत नागौर व बासनी के 45 रकबा की 130.04 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए नागौर एसडीएम सुनील पंवार ने गत 27 अगस्त को पीडब्ल्यूडी एक्सईएन को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि आप द्वारा प्रस्तावित कस्बा नागौर में कुल खसरे 9 में से 29.05 बीघा जमीन, ग्राम कुडिय़ा बासनी एवं गंदीला बासनी में कुल खसरे 6 में से 13.11 बीघा तथा कुडिय़ा बासनी में कुल खसरे 30 की 87.08 बीघा जमीन मिलाकर कुल 45 खसरों की 130.04 बीघा जमीन का ऑनलाइन रेकर्ड एवं तरमीम कार्य किया गया है। अत: आप स्वयं तहसीलदार नागौर से समन्वय कर वापस जांच करे कि पूर्व में प्रस्तावित अवाप्ति के लिए खसरा नम्बर, रकबा एवं खातेदार सही है। इसके अतिरिक्त और कोई खसरा अवाप्त करने से शेष रह तो नहीं गया है। तरमीम नक्शे से मिलान कर अपडेट सूचना संयुक्त रिपोर्ट उनके कार्यालय को भिजवाएं, ताकि तारीख तय कर जनसुनवाई का आयोजन किया जा सके। लेकिन एक्सईएन ने इस सम्बन्ध में आज तक कोई कार्यवाही नहीं की।
नागौर हवाई पट्टी के विस्तार परियोजना के तहत नागौर व बासनी के 45 रकबा की 130.04 बीघा जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए नागौर एसडीएम सुनील पंवार ने गत 27 अगस्त को पीडब्ल्यूडी एक्सईएन को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि आप द्वारा प्रस्तावित कस्बा नागौर में कुल खसरे 9 में से 29.05 बीघा जमीन, ग्राम कुडिय़ा बासनी एवं गंदीला बासनी में कुल खसरे 6 में से 13.11 बीघा तथा कुडिय़ा बासनी में कुल खसरे 30 की 87.08 बीघा जमीन मिलाकर कुल 45 खसरों की 130.04 बीघा जमीन का ऑनलाइन रेकर्ड एवं तरमीम कार्य किया गया है। अत: आप स्वयं तहसीलदार नागौर से समन्वय कर वापस जांच करे कि पूर्व में प्रस्तावित अवाप्ति के लिए खसरा नम्बर, रकबा एवं खातेदार सही है। इसके अतिरिक्त और कोई खसरा अवाप्त करने से शेष रह तो नहीं गया है। तरमीम नक्शे से मिलान कर अपडेट सूचना संयुक्त रिपोर्ट उनके कार्यालय को भिजवाएं, ताकि तारीख तय कर जनसुनवाई का आयोजन किया जा सके। लेकिन एक्सईएन ने इस सम्बन्ध में आज तक कोई कार्यवाही नहीं की।
विस्तार कार्य : एक नजर में हर दृष्टि से महत्वपूर्ण है नागौर
नागौर जिले में उच्च गुणवत्ता वाला कोयला एवं लाइम स्टोम का बड़े स्तर पर खनन किया जा रहा है। हाल ही अम्बुजा का बड़ा सीमेंट प्लांट शुरू हो चुका है। इसके साथ पान मैथी, जीरा, ईसबगोल, मूंग आदि फसलों की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंची है। पर्यटन की दृष्टि से भी नागौर में अपार संभावनाएं हैं। नागौर की लोकेशन सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, यहां हवाई अड्डा बनाने की बातें पिछले कई वर्षों से हो रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने राजस्थान के नागौर, झुंझुनूं, फलौदी सहित 19 शहरों को विमान सेवा जोडऩे के लिए नवम्बर 2016 में विज्ञप्ति भी जारी की थी, जिसमें 500 किमी तक की दूरी के लिए 9 से 18 सीटर विमान से जोडऩे की योजना थी। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता की वजह से वह योजना भी खटाई में पड़ गई।
नागौर जिले में उच्च गुणवत्ता वाला कोयला एवं लाइम स्टोम का बड़े स्तर पर खनन किया जा रहा है। हाल ही अम्बुजा का बड़ा सीमेंट प्लांट शुरू हो चुका है। इसके साथ पान मैथी, जीरा, ईसबगोल, मूंग आदि फसलों की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंची है। पर्यटन की दृष्टि से भी नागौर में अपार संभावनाएं हैं। नागौर की लोकेशन सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, यहां हवाई अड्डा बनाने की बातें पिछले कई वर्षों से हो रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने राजस्थान के नागौर, झुंझुनूं, फलौदी सहित 19 शहरों को विमान सेवा जोडऩे के लिए नवम्बर 2016 में विज्ञप्ति भी जारी की थी, जिसमें 500 किमी तक की दूरी के लिए 9 से 18 सीटर विमान से जोडऩे की योजना थी। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता की वजह से वह योजना भी खटाई में पड़ गई।
इस प्रकार होना था विस्तार का काम
नागौर हवाई पट्टी विस्तार के लिए करीब पांच साल पहले नागरिक उड्डयन विभाग ने 1139.51 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की थी। इसका पूरा काम पीडब्ल्यूडी के माध्यम से करवाया जाना था, जिसमें प्रथम चरण में रनवे विस्तार पर 2.70 करोड़ रुपए व रनवे की चौड़ाई बढ़ाने के लिए 3.35 करोड़ रुपए खर्च करने की भी स्वीकृति मिली। दूसरे चरण में 2 करोड़ रुपए से चारदीवारी निर्माण और 3.33 करोड़ रुपए से पूरे रनवे का नवीनीकरण किया जाना था। लेकिन जमीन अधिग्रहण का काम समय पर पूरा होने होने के कारण पांच साल बीतने के बावजूद विस्तार के बजट की वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई।
नागौर हवाई पट्टी विस्तार के लिए करीब पांच साल पहले नागरिक उड्डयन विभाग ने 1139.51 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की थी। इसका पूरा काम पीडब्ल्यूडी के माध्यम से करवाया जाना था, जिसमें प्रथम चरण में रनवे विस्तार पर 2.70 करोड़ रुपए व रनवे की चौड़ाई बढ़ाने के लिए 3.35 करोड़ रुपए खर्च करने की भी स्वीकृति मिली। दूसरे चरण में 2 करोड़ रुपए से चारदीवारी निर्माण और 3.33 करोड़ रुपए से पूरे रनवे का नवीनीकरण किया जाना था। लेकिन जमीन अधिग्रहण का काम समय पर पूरा होने होने के कारण पांच साल बीतने के बावजूद विस्तार के बजट की वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पाई।
7.55 करोड़ से लाइटिंग का काम
नागरिक उड्डयन विभाग ने करीब साढ़े तीन वर्ष पूर्व हवाई पट्टी पर लाइटिंग का काम करवा पूरा करवा लिया। विभाग ने इसके लिए 7.55 करोड़ का बजट स्वीकृत किया था, जिससे लाइट कंट्रोल रूम बनाया गया, जहां से पूरी हवाई पट्टी की बिजली का कंट्रोल रहेगा।
नागरिक उड्डयन विभाग ने करीब साढ़े तीन वर्ष पूर्व हवाई पट्टी पर लाइटिंग का काम करवा पूरा करवा लिया। विभाग ने इसके लिए 7.55 करोड़ का बजट स्वीकृत किया था, जिससे लाइट कंट्रोल रूम बनाया गया, जहां से पूरी हवाई पट्टी की बिजली का कंट्रोल रहेगा।
हम अधिकृत ही नहीं है
हवाई पट्टी विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहण सहित अन्य कार्य के लिए पीडब्ल्यूडी अधिकृत ही नहीं है। जमीन अधिग्रहण से पहले सर्वे होगा, उसकी रिपोर्ट देने के बाद एसडीएम स्तर पर जनसुनवाई की कार्यवाही होगी, अभी सर्वे तो ही नहीं हुआ है।
– रतनाराम ढाका, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, नागौर
हवाई पट्टी विस्तार के लिए जमीन अधिग्रहण सहित अन्य कार्य के लिए पीडब्ल्यूडी अधिकृत ही नहीं है। जमीन अधिग्रहण से पहले सर्वे होगा, उसकी रिपोर्ट देने के बाद एसडीएम स्तर पर जनसुनवाई की कार्यवाही होगी, अभी सर्वे तो ही नहीं हुआ है।
– रतनाराम ढाका, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी, नागौर
डेढ़ महीने पहले लिखा था पत्र, अब तक जवाब नहीं
मैंने पीडब्ल्यूडी एक्सईएन को गत 27 अगस्त को पत्र लिखकर हवाई पट्टी विस्तार के लिए तहसीलदार के साथ नागौर व बासनी के 45 खसरों की 130.04 बीघा जमीन का तरमीम नक्शा मिलान करने के लिए कहा था, लेकिन अब तक उनका कोई जवाब नहीं आया। आज फिर रिमाइंडर भेजा है।
– सुनील पंवार, एसडीएम, नागौर
मैंने पीडब्ल्यूडी एक्सईएन को गत 27 अगस्त को पत्र लिखकर हवाई पट्टी विस्तार के लिए तहसीलदार के साथ नागौर व बासनी के 45 खसरों की 130.04 बीघा जमीन का तरमीम नक्शा मिलान करने के लिए कहा था, लेकिन अब तक उनका कोई जवाब नहीं आया। आज फिर रिमाइंडर भेजा है।
– सुनील पंवार, एसडीएम, नागौर
पीडब्ल्यूडी से स्पष्टीकरण मांगा है
हवाई पट्टी विस्तार को लेकर अपनाई जा रही प्रक्रिया में पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता द्वारा की गई देरी के लिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। जल्द ही हवाई पट्टी विस्तार के कार्य को पूरा करवाएंगे।
– डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, जिला कलक्टर, नागौर
हवाई पट्टी विस्तार को लेकर अपनाई जा रही प्रक्रिया में पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता द्वारा की गई देरी के लिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। जल्द ही हवाई पट्टी विस्तार के कार्य को पूरा करवाएंगे।
– डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, जिला कलक्टर, नागौर