रावण को तुमने बदनाम किया
उस रावण से गए गुजरे हो तुम शकुनी दुशासन बन बैठे
द्रोपदी का चीर हर बैठे उस युग में हरि दौड़े आए
द्रोपदी की लाज बचा जाए
उस रावण से गए गुजरे हो तुम शकुनी दुशासन बन बैठे
द्रोपदी का चीर हर बैठे उस युग में हरि दौड़े आए
द्रोपदी की लाज बचा जाए
इस युग में हरि ना आएगे
तुम्हारी लाज ना बचाएंगे यहां देवी की मूरत पुजते हम
वहां नारी की इज्जत से खेलते हे हम धिक्कार है ऐसे दानव को जो निज जननी को लजाता है।
धिक्कार है ऐसे माता-पिता को
तुम्हारी लाज ना बचाएंगे यहां देवी की मूरत पुजते हम
वहां नारी की इज्जत से खेलते हे हम धिक्कार है ऐसे दानव को जो निज जननी को लजाता है।
धिक्कार है ऐसे माता-पिता को
जिनकी तूं संतान कहलाता है।।
जिस कोख से तूने जन्म लिया उस कोख .को गाली देते हो
अब खुद की रक्षा करने को तुम को हथियार उठाना है
तुम काट डालो उन हाथों को
जिस कोख से तूने जन्म लिया उस कोख .को गाली देते हो
अब खुद की रक्षा करने को तुम को हथियार उठाना है
तुम काट डालो उन हाथों को
तुम फोड़ डालो उन आंखों को
तुम चीर डालो उन जांघों को जो अस्मत से खेला करते हैं
तुम रणचण्डी का रुप धरो इन राक्षसों को वध करो
जिस कोख से तुने जन्म लिया
उस कोख को गाली देते हो…
तुम चीर डालो उन जांघों को जो अस्मत से खेला करते हैं
तुम रणचण्डी का रुप धरो इन राक्षसों को वध करो
जिस कोख से तुने जन्म लिया
उस कोख को गाली देते हो…
✍️ नीलू नंदकिशोर खड्लोया