Nagaur. जयमल जैन पौषधशाला में गुरुवार को प्रवचन देते हुए साध्वी बिंदुप्रभा ने कहा कि मनुष्य के जीवन का कोई ठिकाना नहीं है
नागौर. जयमल जैन पौषधशाला में गुरुवार को प्रवचन देते हुए साध्वी बिंदुप्रभा ने कहा कि मनुष्य के जीवन का कोई ठिकाना नहीं है। जीवन और मरण दो पहलू है। आत्मा अमर है, और शरीर बदलती रहती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन अनमोल है। इसलिए जीवन में दूसरों के प्रति अच्छी भावना रखनी चाहिए। मनुष्य के अच्छे संस्कार ही उसे ऊंचाई तक पहुंचाने का कार्य करते हैं। धन पानी की तरह होता है, आता है और चला जाता है। मनुष्य द्वारा किया गया कार्य उसके नहीं रहने पर भी लोगों में जिंदा रहता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए। दुनिया में कुछ रहे या ना रहे, लेकिन मनुष्य का घमंड तो कभी भी नहीं टिकता है। रिश्ते नाते और परिवार सिर्फ इसी भव के हैं। मनुष्य के शरीर से आत्मा के जाते ही सारे रिश्ते अपने आप ही टूट जाते है। धर्म आराधना कर जीवन को सफल बनाने का प्रयास करते रहना चाहिए। ऐसा करके मनुष्य का जीवन सफल हो सकता है। संचालन संजय पींचा ने किया। प्रवचन प्रश्नों के उत्तर चंपालाल जांगिड़, सोहन नाहर, कांता कांकरिया एवं प्रेमलता ललवानी ने दिए। प्रवचन प्रभावना, प्रार्थना लक्कीी ड्रा एवं प्रश्नोत्तरी विजेताओं को पुरस्कृत करने की लाभार्थी साधर्मिक बहन रहीं।
सामूहिक पारणा का हुआ आयोजन
जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में गुरुवार को बोहरावाड़ी स्थित उदयचंद ललवानी के निवास स्थान पर सामूहिक पारणा आयोजित किया गया। इसमें अंतिम दिवस आयंबिल व निवि तप करने वाले तथा ओली तप आराधकों का सामूहिक पारणा हुआ। संघ मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि ओली तप एवं पारणा का संपूर्ण लाभ भंवरलाल, पुखराज ने लिया। इस दौरान विजयसिंह पींचा, गौतमचंद बाघमार, गुवाहाटी से जीवनचंद कांकरिया, दीपक कोठारी आदि मौजूद थे।