भाई की पूजा कर मनाई दूज
दीपोत्सव के तहत भाई दूज का पर्व सोमवार को श्रद्धा से मनाया गया। बहनों ने भाई की पूजा करते हुए उनके दीर्घायु रहने की कामना की। शहर में सुबह से ही पर्व का उत्सह बना रहा। बहनों ने व्रत रखा एवं भाई की पूजा की। भगवान से परिवार में खुशहाली की कामना की। भाई ने अपनी बहनों ने उपहार दिए।
दीपोत्सव के तहत भाई दूज का पर्व सोमवार को श्रद्धा से मनाया गया। बहनों ने भाई की पूजा करते हुए उनके दीर्घायु रहने की कामना की। शहर में सुबह से ही पर्व का उत्सह बना रहा। बहनों ने व्रत रखा एवं भाई की पूजा की। भगवान से परिवार में खुशहाली की कामना की। भाई ने अपनी बहनों ने उपहार दिए।
गाय दौड़ से देखा शगुन
रामा-श्यामा पर जहां परस्पर मेल-मुलाकात के दौर चलते रहे, वहीं गांवों में गाय दौड़ हुई। सुबह गांव में निर्धारित जगह पर गायों को एकत्र किया गया। ग्वालों ने गायों को श्रीकृष्ण की हेर सुनाई गई। इसके बाद तेज आवाज करते हुए गायों को दौड़ाया गया। मान्यता है कि इससे आगामी साल की जानकारी मिलती है। जिस रंग की गाय दौड़ में अव्वल आती है आगामी साल उसी के अनुरूप अच्छा या मध्यम रहता है। गायों के सिंग रंगे जाते हैं और मालाएं, घंटियां आदि लगाकर सजावट की जाती है।
रामा-श्यामा पर जहां परस्पर मेल-मुलाकात के दौर चलते रहे, वहीं गांवों में गाय दौड़ हुई। सुबह गांव में निर्धारित जगह पर गायों को एकत्र किया गया। ग्वालों ने गायों को श्रीकृष्ण की हेर सुनाई गई। इसके बाद तेज आवाज करते हुए गायों को दौड़ाया गया। मान्यता है कि इससे आगामी साल की जानकारी मिलती है। जिस रंग की गाय दौड़ में अव्वल आती है आगामी साल उसी के अनुरूप अच्छा या मध्यम रहता है। गायों के सिंग रंगे जाते हैं और मालाएं, घंटियां आदि लगाकर सजावट की जाती है।