नागौर

विधायक बेनीवाल ने अजमेर डिस्कॉम पर लगाए भ्रष्टाचार व गबन के आरोप

खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने सीएम गहलोत व एसीबी डीजीपी को लिखा पत्र

नागौरDec 06, 2020 / 10:09 pm

shyam choudhary

Narayan Beniwal said ‘Hanuman’ to ‘Ram’

नागौर. ‘प्रदेश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, ऐसे में प्रदेश के सामने स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल रखने की चुनौती के साथ आर्थिक संकट भी आ खड़ा हुआ है। ऐसी स्थितियों के बावजूद अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारी घोटालों से बाज नहीं आ रहे हैं और विकास के नाम पर हो रहे कार्यों में भारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं।’ यह आरोप खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व एसीबी के महानिदेशक को लिखे पत्र में लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जहां अजमेर डिस्कॉम के अधिकारियों को कोरोना जैसी त्रासदी में सरकार के पैसों का भी बेहतर सदुपयोग करना चाहिए, ताकि लोगों को राहत दी जा सके, लेकिन इसके उलट निगम के अधिकारी विद्युत सुधार के नाम पर स्वीकृत सभी स्कीमों वो चाहे वह इंटिग्रेटेड पॉवर डवलपमेंट स्कीम (आईपीडीएस) हो या फिर फीडर सेग्रीशन या एफआरटी या जीएसएस संचालन एवं रख-रखाव सभी में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते जा रहे हैं। इन स्कीमों के तहत चाहे विद्युत सामान की खरीददारी करनी हो या नई विद्युत लाइनें डाली जानी हो या फिर सीमेंट अथवा लोहे के पोल खड़े किए जाने हो या लाइनों के फाल्ट के कार्य हो, सभी में भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
विधायक ने पत्र में लिखा की निगम में सहायक अभियंताओं से लेकर प्रबन्ध निदेशक तक सभी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं। इस कारण इन स्कीमों के तहत हो रहे कार्यों की गुणवता नहीं के बराबर रह गई है। इसका सीधा नुकसान आगे जाकर प्रदेश की सरकार के साथ-साथ राज्य की जनता को भोगना पड़ेगा। ऐसी स्थितियों में अजमेर डिस्कॉम की ओर से विद्युत सुधार के नाम पर किए जा रहे कार्यों एवं इन स्कीमों में खरीदे गए सामान की गुणवता की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच सामाजिक अंकेक्षण की तर्ज पर करवाई जाए, जिसमें तकनीकी अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हों, ताकि जनता के सामने सही स्थिति आ सके।
ईमानदार उपभोक्ता पर बढ़ रहा बोझ
विधायक बेनीवाल ने पत्र में लिाखा कि बिजली कम्पनीयों में बिजली खरीद, सामान खरीद व पुराने सामान को जमा कराने में तथा सुधार के नाम पर हो रहे कार्यों में हजारों करोड़ के घोटाले हुए हैं। उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश की तीनों कम्पनियां लगातार घाटे की ओर जा रही है और इसका दोष अधिकारी केवल छीजत एवं विद्युत चोरी के नाम पर आम उपभोक्ता व किसान पर मढकऱ झूठी वीसीआर भी बड़े स्तर पर भरे रहे हैं। घाटे को पूरा करने के लिए ईमानदार उपभोक्ताओं के बिल बढ़ाकर दिए जा रहे हैं।
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