विधायक ने पत्र में लिखा की निगम में सहायक अभियंताओं से लेकर प्रबन्ध निदेशक तक सभी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं। इस कारण इन स्कीमों के तहत हो रहे कार्यों की गुणवता नहीं के बराबर रह गई है। इसका सीधा नुकसान आगे जाकर प्रदेश की सरकार के साथ-साथ राज्य की जनता को भोगना पड़ेगा। ऐसी स्थितियों में अजमेर डिस्कॉम की ओर से विद्युत सुधार के नाम पर किए जा रहे कार्यों एवं इन स्कीमों में खरीदे गए सामान की गुणवता की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच सामाजिक अंकेक्षण की तर्ज पर करवाई जाए, जिसमें तकनीकी अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हों, ताकि जनता के सामने सही स्थिति आ सके।
ईमानदार उपभोक्ता पर बढ़ रहा बोझ
विधायक बेनीवाल ने पत्र में लिाखा कि बिजली कम्पनीयों में बिजली खरीद, सामान खरीद व पुराने सामान को जमा कराने में तथा सुधार के नाम पर हो रहे कार्यों में हजारों करोड़ के घोटाले हुए हैं। उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश की तीनों कम्पनियां लगातार घाटे की ओर जा रही है और इसका दोष अधिकारी केवल छीजत एवं विद्युत चोरी के नाम पर आम उपभोक्ता व किसान पर मढकऱ झूठी वीसीआर भी बड़े स्तर पर भरे रहे हैं। घाटे को पूरा करने के लिए ईमानदार उपभोक्ताओं के बिल बढ़ाकर दिए जा रहे हैं।
विधायक बेनीवाल ने पत्र में लिाखा कि बिजली कम्पनीयों में बिजली खरीद, सामान खरीद व पुराने सामान को जमा कराने में तथा सुधार के नाम पर हो रहे कार्यों में हजारों करोड़ के घोटाले हुए हैं। उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश की तीनों कम्पनियां लगातार घाटे की ओर जा रही है और इसका दोष अधिकारी केवल छीजत एवं विद्युत चोरी के नाम पर आम उपभोक्ता व किसान पर मढकऱ झूठी वीसीआर भी बड़े स्तर पर भरे रहे हैं। घाटे को पूरा करने के लिए ईमानदार उपभोक्ताओं के बिल बढ़ाकर दिए जा रहे हैं।