गनीमत रही कि जिस वक्त ये घटना हुई वहां कोई नहीं था, नहीं तो किसी को चोट लग सकती थी। एमसीएच विंग के हालात ये हैं कि पूरे भ्वन में जगह-जगह दरारें आई हुई हैं, आए दिन छतों से प्लास्टर छूट कर गिर रहा है। बारिश के दिनों में खतरा और भी बढ़ जाता है। एमसीएच विंग में सीरियस केस वाले नवजात का उपचार किया जाता है। इन बच्चों व परिजनों को तो ातरा है ही, साथ ही डॉक्टर ाी यहां हर वक्त भयभीत रहते हैं।
उधर, बूडसू में घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग का आरोप, रुकवाया काम
बूड़सू . राजकीय आदर्श विद्यालय में बन रहे कक्षा कक्ष में घटिया निर्माण सामग्री लगाने से खफा ग्रामीणों ने ठेकेदार को खरी खोटी सुनाते हुए मंगलवार को कार्य बंद करवा दिया। विद्यालय में 21 लाख की लागत से श्यामा प्रसाद रूर्बन मिशन के तहत कक्षा कक्ष बनाए जा रहे हैं। घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने गुणवता की जांच की मांग करते हुए कार्य बंद करवा दिया।
बूड़सू . राजकीय आदर्श विद्यालय में बन रहे कक्षा कक्ष में घटिया निर्माण सामग्री लगाने से खफा ग्रामीणों ने ठेकेदार को खरी खोटी सुनाते हुए मंगलवार को कार्य बंद करवा दिया। विद्यालय में 21 लाख की लागत से श्यामा प्रसाद रूर्बन मिशन के तहत कक्षा कक्ष बनाए जा रहे हैं। घटिया निर्माण का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने गुणवता की जांच की मांग करते हुए कार्य बंद करवा दिया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार ने मापदण्ड के अनुसार नींव नहीं भरी। एक फीट गहरी नींव भरी और उसके नीचे होने वाली 6 इंच पीसीसी को 2 इंच ही भरकर नींव उठा ली। निर्माण में क्रेशर की बजरी काम ली जा रही थी। जो गुणवता में नहीं आ रही, सीमेंट भी हल्की किस्म की काम में ली जा रही है।
ग्रामीणों ने मौके पर लगी सीमेंट को हाथ से रगडक़र उतार कर दिखाया। मौके पर एकत्रित हुए ग्रामीणों ने समसा के कनिष्ठ अभियंता को फोन करके बुलवाया और सामग्री का निरीक्षण करवाया। कक्षा कक्ष के बाहर से नींव की खुदाई करके दिखाई। इस पर कनिष्ठ अभियंता ने ठेकेदार को क्रेशर की बजरी को बंद करने की हिदायत दी व सही गुणवत्ता का सीमेंट काम में लेने के निर्देश दिए। इस दौरान ग्रामीणों ने विद्यालय में बने पुस्तकालय व कम्प्यूटर लैब की जांच करवाने की भी मांग की। ग्रामीणों ने सामग्री के कागज मांगे तो ठेकेदार ने नहीं होने का बहाना बना लिया। कक्षा कक्ष समसा के अधीन बनाए जा रहे हैं। राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय इनकी देख रेख कर रही है। लेकिन विद्यालय के प्रधानाचार्य से कोई राय नहीं ली गई। न ही नींव खुदाई के समय बुलाया। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पूर्व कम्प्यूटर लैब में बारिश आने के साथ ही छत टपकने लगी। बिजली फिटिंग भी हल्की गुणवत्ता की है। इस दौरान टीकमचन्द रैगर, गोगाराम मेघवाल, रेखाराम रूलाणियां, कमलराज झांग, केसाराम घोटिया, ललित पारीक, मोनू जांगिड़, भोलू सेन, परवेन्द्र सिंह राठौड़ सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। गौरतलब है कि गत 30 मई को राजस्थान पत्रिका में ‘लाखों की लागत से बने कमरे, पहली बारिश में टपके’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर निर्माण में रही खामी को उजागर किया गया था।