महापंचायत स्थल से दो-दो किलोमीटर दूर वाहन खड़े करवाने पर टिकैत काफी नाराज हुए और आते ही मंच पर जाकर कहा – लडऩा सीखो। इसके बाद उन्होंने अपने संबोधन के दौरान भी इस बात का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस ने बेरिकेड लगा दिए, किसानों को पैदल आना पड़ रहा है। ऐसा क्यों, बेरिकेड तोडकऱ गाडिय़ा अंदर आनी चाहिए, बेरिकेड तोडऩा आंदोलन का हिस्सा है। अगली बार ऐसा न हो। संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित किसान महापंचायत में जिलेभर से पहुंचे किसान भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीरसिंह ने किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि जब देश कोरोना की महामारी से लड़ रहा था, तब इन्होंने रात के अंधेरे में तीनों कृषि कानून बनाए। ये कह रहे हैं कि कानूनों में काला कुछ नहीं है, मैं कहता हूं, रात के अंधेरे में बनाया गया कानून काला ही होता है। युद्धवीर ने कहा कि अध्यादेश इमरजेंसी में लाए जाते हैं, जब देश पर संकट हो, इनमें इन कानूनों में ऐसा कुछ नहीं है, फिर भी बिना चर्चा किए सदन में रखे और पास करवा दिए। इनको अफरा तफरी में पास किया, यदि कानूनों में कुछ गलत नहीं था तो फिर ऐसा क्यों किया। इससे यह साफ जाहिर होता है कि सरकार के मन में खोट थी। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि ये देश को बचाने की लड़ाई है, इसलिए हमें एकजुट होकर लडऩा होगा। देश को गुलामी की तरफ धकेला जा रहा है, जिस प्रकार ईस्ट इंडिया कम्पनी ने कब्जा किया था, उसी प्रकार चंद पूंजीपति इस देश पर कब्जा करने की साजिश रच रहे हैं, इसके खिलाफ किसानों ने शुरुआत की है, हमें चाहिए कि हम इनका सहयोग करें। ये किसी एक की लड़ाई नहीं है, हम सब की लड़ाई है। इसलिए जरूरी है कि इस लड़ाई को गांव-गांव पर तक ले जाएं। आजाद ने कहा कि सरकार ने हमारी एकता को तोडऩे के लिए कई षडय़ंत्र किए हैं, लेकिन इन्हें पता नहीं कि किसान जब उठ खड़ा होगा तो उसकी पीठ तोड़ देगा। टिकैत ने कहा, ‘जो ठेकेदार बन रहे हैं, इन्होंने देश को लूट लिया है। इनके कारण गांव बर्बाद हो रहे हैं। इसलिए लडऩा सीख लो, नहीं तो भुगतना पड़ेगा। टिकैत ने कहा कि जब तक बिल वापसी नहीं होगी, तब तक किसानों की वापसी नहीं होगी। सरकार कह रही है कि किसान बिजली चोरी कर रहे हैं, हमने कहा कनेक्शन दे दो, लेकिन नहीं दे रहे। कनेक्शन नहीं देंगे तो जनरेटर चलेगा, लेकिन किसान वापस नहीं आएगा। उन्होंने नागौर के किसानों को न्यौता देते हुए कहा कि दिल्ली के एक बॉर्डर की जिम्मेदारी राजस्थान की है। फसल कटाई के बाद आ जाओ ट्रैक्टर लेकर, कपड़े-लते साथ लेकर आना, ताकि मोदी की गलतफहमी दूर हो। टिकैत ने अपने भाषण की शुरुआत तेजाजी के जयकारे से करते हुए कहा कि नागौर से हमारा वर्षों पुराना रिश्ता है और वो रिश्ता नागौर के मजबूत बैलों से हैं। उन्होंने कहा कि पहले हमारे गांव के किसान ट्रक भरकर यहां से बैल खरीदकर ले जाते थे, लेकिन इन ठेकेदारों ने रोक लगवाकर किसानों को रास्ते में परेशान करना शुरू कर दिया। परिवहन पर रोक लगने से हमारा और आपका दोनों का नुकसान हुआ है। नागौर के किसानों को न्यौता देते हुए कहा कि दिल्ली के एक बॉर्डर की जिम्मेदारी राजस्थान की है। फसल कटाई के बाद आ जाओ ट्रैक्टर लेकर, कपड़े-लते साथ लेकर आना, ताकि मोदी की गलतफहमी दूर हो। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि ये किसी एक की लड़ाई नहीं है, हम सब की लड़ाई है। इसलिए जरूरी है कि इस लड़ाई को गांव-गांव पर तक ले जाएं। आजाद ने कहा कि सरकार ने हमारी एकता को तोडऩे के लिए कई षडय़ंत्र किए हैं, लेकिन इन्हें पता नहीं कि किसान जब उठ खड़ा होगा तो उसकी पीठ तोड़ देगा।
महापंचायत स्थल से दो-दो किलोमीटर दूर वाहन खड़े करवाने पर टिकैत काफी नाराज हुए और आते ही मंच पर जाकर कहा – लडऩा सीखो। इसके बाद उन्होंने अपने संबोधन के दौरान भी इस बात का जिक्र करते हुए कहा कि पुलिस ने बेरिकेड लगा दिए, किसानों को पैदल आना पड़ रहा है। ऐसा क्यों, बेरिकेड तोडकऱ गाडिय़ा अंदर आनी चाहिए, बेरिकेड तोडऩा आंदोलन का हिस्सा है। अगली बार ऐसा न हो। संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वावधान में आयोजित किसान महापंचायत में जिलेभर से पहुंचे किसान भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीरसिंह ने किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि जब देश कोरोना की महामारी से लड़ रहा था, तब इन्होंने रात के अंधेरे में तीनों कृषि कानून बनाए। ये कह रहे हैं कि कानूनों में काला कुछ नहीं है, मैं कहता हूं, रात के अंधेरे में बनाया गया कानून काला ही होता है। युद्धवीर ने कहा कि अध्यादेश इमरजेंसी में लाए जाते हैं, जब देश पर संकट हो, इनमें इन कानूनों में ऐसा कुछ नहीं है, फिर भी बिना चर्चा किए सदन में रखे और पास करवा दिए। इनको अफरा तफरी में पास किया, यदि कानूनों में कुछ गलत नहीं था तो फिर ऐसा क्यों किया। इससे यह साफ जाहिर होता है कि सरकार के मन में खोट थी। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि ये देश को बचाने की लड़ाई है, इसलिए हमें एकजुट होकर लडऩा होगा। देश को गुलामी की तरफ धकेला जा रहा है, जिस प्रकार ईस्ट इंडिया कम्पनी ने कब्जा किया था, उसी प्रकार चंद पूंजीपति इस देश पर कब्जा करने की साजिश रच रहे हैं, इसके खिलाफ किसानों ने शुरुआत की है, हमें चाहिए कि हम इनका सहयोग करें। ये किसी एक की लड़ाई नहीं है, हम सब की लड़ाई है। इसलिए जरूरी है कि इस लड़ाई को गांव-गांव पर तक ले जाएं। आजाद ने कहा कि सरकार ने हमारी एकता को तोडऩे के लिए कई षडय़ंत्र किए हैं, लेकिन इन्हें पता नहीं कि किसान जब उठ खड़ा होगा तो उसकी पीठ तोड़ देगा। टिकैत ने कहा, ‘जो ठेकेदार बन रहे हैं, इन्होंने देश को लूट लिया है। इनके कारण गांव बर्बाद हो रहे हैं। इसलिए लडऩा सीख लो, नहीं तो भुगतना पड़ेगा। टिकैत ने कहा कि जब तक बिल वापसी नहीं होगी, तब तक किसानों की वापसी नहीं होगी। सरकार कह रही है कि किसान बिजली चोरी कर रहे हैं, हमने कहा कनेक्शन दे दो, लेकिन नहीं दे रहे। कनेक्शन नहीं देंगे तो जनरेटर चलेगा, लेकिन किसान वापस नहीं आएगा। उन्होंने नागौर के किसानों को न्यौता देते हुए कहा कि दिल्ली के एक बॉर्डर की जिम्मेदारी राजस्थान की है। फसल कटाई के बाद आ जाओ ट्रैक्टर लेकर, कपड़े-लते साथ लेकर आना, ताकि मोदी की गलतफहमी दूर हो। टिकैत ने अपने भाषण की शुरुआत तेजाजी के जयकारे से करते हुए कहा कि नागौर से हमारा वर्षों पुराना रिश्ता है और वो रिश्ता नागौर के मजबूत बैलों से हैं। उन्होंने कहा कि पहले हमारे गांव के किसान ट्रक भरकर यहां से बैल खरीदकर ले जाते थे, लेकिन इन ठेकेदारों ने रोक लगवाकर किसानों को रास्ते में परेशान करना शुरू कर दिया। परिवहन पर रोक लगने से हमारा और आपका दोनों का नुकसान हुआ है। नागौर के किसानों को न्यौता देते हुए कहा कि दिल्ली के एक बॉर्डर की जिम्मेदारी राजस्थान की है। फसल कटाई के बाद आ जाओ ट्रैक्टर लेकर, कपड़े-लते साथ लेकर आना, ताकि मोदी की गलतफहमी दूर हो। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि ये किसी एक की लड़ाई नहीं है, हम सब की लड़ाई है। इसलिए जरूरी है कि इस लड़ाई को गांव-गांव पर तक ले जाएं। आजाद ने कहा कि सरकार ने हमारी एकता को तोडऩे के लिए कई षडय़ंत्र किए हैं, लेकिन इन्हें पता नहीं कि किसान जब उठ खड़ा होगा तो उसकी पीठ तोड़ देगा।