उनकी तस्वीर ही एड थी
भारतीय मसालों को देश दुनिया के हर घर तक पहुंचाने वाले महाशय धर्मपाल जी नहीं रहे। 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया, लेकिन वे इतने बरस के कभी लगे नहीं। मसाला ब्रांड एमडीएच के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी को गत वर्ष पदम भूषण से सम्मानित किया गया था। वे अपने प्रोडक्ट का खुद ही विज्ञापन करते थे और उनकी तस्वीर ही एक तरह से उनके मसालों का एड मानी गई।
भारतीय मसालों को देश दुनिया के हर घर तक पहुंचाने वाले महाशय धर्मपाल जी नहीं रहे। 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया, लेकिन वे इतने बरस के कभी लगे नहीं। मसाला ब्रांड एमडीएच के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी को गत वर्ष पदम भूषण से सम्मानित किया गया था। वे अपने प्रोडक्ट का खुद ही विज्ञापन करते थे और उनकी तस्वीर ही एक तरह से उनके मसालों का एड मानी गई।
एमडीएच यानि महाशियां दी हट्टी
एमडीएच मसाले कंपनी का नाम उनके पिता के काराबोर पर आधारित है। उनके पिता महाशियां दी हट्टी के नाम से मसालों का कारोबार करते थे। धर्मपाल गुलाटी ने जब इस कारोबार में हाथ आजमाया तो इसी संस्थान के नाम को शॉर्ट करते हुए एमडीएच बना दिया। दिल्ली के करोल बाग में पहला स्टोर खोला। वर्ष-1959 में आधिकारिक तौर पर कंपनी की स्थापना की थी।
एमडीएच मसाले कंपनी का नाम उनके पिता के काराबोर पर आधारित है। उनके पिता महाशियां दी हट्टी के नाम से मसालों का कारोबार करते थे। धर्मपाल गुलाटी ने जब इस कारोबार में हाथ आजमाया तो इसी संस्थान के नाम को शॉर्ट करते हुए एमडीएच बना दिया। दिल्ली के करोल बाग में पहला स्टोर खोला। वर्ष-1959 में आधिकारिक तौर पर कंपनी की स्थापना की थी।