चमाचम कॉलोनी में रहने का संजोया था सपना, छाया अंधेरा

बालवा रोड हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रात को रोशनी के प्रबंध तक नहीं, लोगों को आवाजाही करने में परेशानी, कॉलोनी के कई घरों में नहीं हो पाया बसेरा, सुविधाएं नहीं मिलने से लोग यहां आने से भी कतरा रहे

<p>नागौर. बालवा रोड हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में पसरा अंधेरा।</p>
नागौर. चमाचम कॉलोनी में रहने का सपना संजोकर मकान खरीदने वाले आवंटियों की परेशानी कम होती नजर नहीं आ रही। बालवा रोड स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में सुविधाओं का अभाव मुश्किल बढ़ा रहा है। लम्बे समय से लोगों को मकान बेच रहा आवासन मंडल यहां पथ प्रकाश के प्रबंध तक नहीं कर पाया। रात को कॉलोनी में चहुंओर अंधेरा पसरा रहता है, जिससे आवाजाही करना तो दूर लोगों के लिए घरों में रहना भी मुश्किल हो जाता है। शहर से अलग-थलग और अंधेरी कॉलोनी में रात को कहीं बाहर निकलना हो तो सौ बार सोचना पड़ता है। शायद यही कारण है कि लोगों ने इस कॉलोनी में मकान तो खरीद लिए, लेकिन बसेरा नहीं कर पा रहे।
सूने मकान और अंधेरी गलियां
कॉलोनी में कई गलियां अंधेेरे में डूबी रहती है। शाम ढलते ही चहुंओर अंधेरे का साम्राज्य होने लगता है। ऐसे में घर से बाहर निकलने में भी लोगों को डर लगता है। सूने पड़े मकानों बीच से होते हुए अंधेरी गलियों से गुजरना भयभीत करने के लिए काफी है।
मुख्य मार्गों पर भी अंधेरा
कॉलोनी के बाशिंदों ने बताया कि शहर को जोडऩे वाले मुख्य मार्ग पर भी रोशनी के प्रबंध नहीं है। कॉलोनी से औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयों या जिला अस्पताल की जाने वाले रास्ते पर भी अंधेरा पसरा रहता है। मुख्य मार्ग बालवा गांव को भी जोड़ता है, लेकिन नगर परिषद या आवासन मंडल ने यहां रोशनी की व्यवस्था नहीं की।
सुधार के ठोस प्रबंध नहीं हो रहे
बताया जा रहा है कि संघर्ष समिति की ओर से लगातार की जा रही शिकायतों के बाद व्यवस्थाओं में हल्का सुधार हुआ है। कुछ गलियों में रोशनी के प्रबंध भी किए हैं, लेकिन अधिकतर जगहों पर स्थिति अब भी बदतर ही है। सड़क, पानी और सीवरेज को लेकर भी ठोस व्यवस्थाएं नहीं हो पाई है। ऐसे में आवंटियों के लिए यहां रहना और गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा है।
व्यवस्था करवाएंगे…
बालवा रोड मुख्य मार्ग पर जल्द ही रोशनी के प्रबंध करवाए जाएंगे। कॉलोनी में भी व्यवस्था कराई जाएगी।
– जोधाराम बिश्नोई, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर

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