रची नहीं मेहंदी तो बंधा नहीं सेहरा

नागौर. अक्सर मार्च से जून तक बारात के नजारे देखने या फिर दावत उड़ाने वालों को इस बार निराशा हाथ लगेगी। कोरोना के कहर से जिले में तकरीबन छह सौ से अधिक शादियां स्थगित हो गई।

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नागौर. अक्सर मार्च से जून तक बारात के नजारे देखने या फिर दावत उड़ाने वालों को इस बार निराशा हाथ लगेगी। कोरोना के कहर से जिले में तकरीबन छह सौ से अधिक शादियां स्थगित हो गई। मार्च-अप्रेल ही नहीं मई में होने वाले विवाह भी टाल दिए गए। विवाह रद्द करने वाले टेंट वालों से कह रहे हैं कि सर्दी में करेंगे। अकेले नागौर शहर में टेंट की करीब चार दर्जन दुकान हैं जबकि पूरे जिले में यह आंकड़ा दो सौ के पार है। कहीं हाथ में मेहंदी नहीं रच पाई तो कहीं सेहरा नहीं बंधा। बेटी को विदा करने के अरमान अधूरे रह गए तो अपने दोस्त की शादी में डांस करने की हसरत भी पूरी नहीं हुई।गोगेलाव के सोहनलाल प्रजापत की बेटी की शादी 27 मार्च को होनी थी तो श्रवण भाटी के बेटे की दो मई को। भाटी के यहां इससे पहले 30 अप्रेल को भी बड़ा कार्यक्रम था।

सोहनलाल ने बेटी की शादी धूमधाम से करने के लिए कार्ड भी बांट दिए। तैयारी भी कर दी पर सब धरी की धरी रह गई। हुआ यों कि 20 मार्च को टेंट और फिर जनता कफ्र्यू/ लॉक डाउन के चलते सब स्थगित करना पड़ा। अब दिवाली बाद यह शादी होगी। उन्होंने बताया कि होनी को कौन टाल सकता है, ऐसे में शादी कैसे होती। यही हाल श्रवण सिंह, हाउसिंग बोर्ड के दामोदर के बेटे की शादी का भी हुआ। अब सर्दी में करने का प्लान है। यही नहीं मूण्डवा चौराहा के बलदेव कच्छावा की बेटी और चेनार के लक्ष्मण की बिटिया की भी दो अप्रेल को होने वाली शादी आगे खिसकाई गई है।

सब जगह एक जैसा हाल

मौलासर के सोनाराम ने बताया कि ऐसे में बाहर से कोई आ जा नहीं सकता। शादी का मतलब ही क्या जब अपने ही शामिल न हो पाएं। फिर व्यवस्थाएं कैसे हों, इनके चलते अब गर्मियों की शादियां तो सब आगे के सावों में ही होगी।

20 मार्च को ही हो गया था तय

नागौर शहर के टेंट डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पूनमचंद ने बताया कि मार्च-अप्रेल ही नहीं मई तक के सावे कैंसिल हुए हैं। टेंट डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रवि जिंदल ने इस बाबत सभी टेंट डीलर को चेता दिया था कि शादियां रद्द करे दें अन्यथा परेशानी होगी। फिर आगे बढ़कर ही टेंट वालों ने लोगों को इस बारे में जानकारी दे दी। उन्होंने बताया कि अनुमान के मुताबिक इन गर्मी के तीन-चार महीने में करीब पांच-छह सौ शादियां पूरे जिले में होती पर ये सब आगे खिसकाई हैं। अब शादी का सीजन सर्दी में ही होगा।

मायूसी भी कम नहीं

शादी आगे सरकारने से मां-बाप का तो दिल टूटा ही सहेली या फिर दोस्तों को भी कम दुख नहीं हुआ। परबतसर के सुरेश और नागौर के पवन का कहना है कि उनके दोस्त राजेश की शादी दो अप्रेल को थी, बारात जयपुर जानी थी, सब धरा रह गया। जोरदार पार्टी होती…। ऐसे ही मकराना की कामना की शादी होनी थी, पर अब उसकी सहेली रितु, कोमल आदि को अफसोस है कि अब शादी के लिए और इंतजार करना पड़ेगा।

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