Nagaur. चातुर्मास में चल रहे भागवत प्रवचन में समझाई भगवान की महत्ता
नागौर. रामद्वारा केशव दास महाराज बगीची में चातुर्मास की कथा में प्रवचन करते हुए मंहत जानकीदास ने कहा कि भागवत शास्त्र कहता है कि भक्तों की दृष्टि जहां भी जाती है, वहां उनको भगवान का ही दर्शन होता है । मानव शरीर में भगवान न हो तो मानव बोल नहीं सकता। मानव को बोलने की शक्ति भगवान देते हैं। आंख को देखने की शक्ति भगवान देते हैं । इसलिए सभी को भगवत् भाव से देखना चाहिए। जगत के स्त्री-पुरुषों में जो भगवान का दर्शन करता है, उसको बहुत शांति मिलती है । सनातन धर्म तो कहता है पशु पक्षियों में भी भगवान का दर्शन करो । पृथ्वी परमात्मा की शक्ति है। सुबह वैष्णव पृथ्वी माता का वंदन करके फिर अपना पृथ्वी पर पांव रखता है। पृथ्वी सभी की मां है। पृथ्वी के पति परमात्मा नारायण है। पृथ्वी में गंध रूप से भगवान की सत्ता है । पानी की मिठास व शीतलता में प्रभु का स्वरूप है। पानी में परमात्मा की सत्ता है। संत ने बताया कि पानी का अनादर नहीं करना चाहिए । पानी का दुरुपयोग करना बड़ा पाप है । सत्संग से विवेक मिलता है भागवत की कथा मानव को निर्भय बनाती है। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के सह मंत्री मेघराज राव ने भजन “ऐसी करी गुरुदेव दया मेरे मोह का बंधन तोड़ दिया “भजन प्रस्तुत किया । संत मि_ूराम, संत मांगूदास, लक्ष आनंद, संत कल्याणदास ,सत्यनारायण सेन, सत्यनारायण माहेश्वरी, भंवरदास वैष्णव, सोहनलाल कच्छावा ,कालूराम तेली ,दयाराम तेली, मदनलाल कच्छावा ,अक्षय कुमार आदि मौजूद थे।
नागौर. रामद्वारा केशव दास महाराज बगीची में चातुर्मास की कथा में प्रवचन करते हुए मंहत जानकीदास