अन्न कण व समय का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए

Nagaur. महंत जानकीदास ने अन्न कण एवं समय की महत्ता समझाई

<p>Nagaur. Sant Jankidas preaching at Ramdwara Bakhtasagar Keshav Das Maharaj Garden</p>

नागौर. रामद्वारा बख्तासागर केशव दास महाराज बगीची में चातुर्मास कथा में भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए मंहत जानकीदास महाराज ने समय के क्षण और अंन्न के कण की महत्ता का प्रतिपादन करते हुए कहा कि हर क्षण का दुरुपयोग करने वाला दुखी होता है। समय का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। इसका उपयोग करने में ही जीवन की सार्थकता है। दुरुपयोग करने वाला दरिद्र होता है । अन्न के एक कण का भी दुरुपयोग मत करो । एक कण से अनेक जीवो का पोषण हो सकता है। महंगाई का कारण अन्न का दुरुपयोग करना है। अन्न भगवान का स्वरुप है । थाली में ,पत्तल में जरा भी अन्न छोडऩा नहीं चाहिए । अन्न में नारायण का वास है । अन्न के एक कण का भी दुरुपयोग करने वाला दूसरे जन्म में भिखारी हो जाता है। क्षण का दुरुपयोग करता है। उसका मरण बिगङता है। कण और क्षण दोनों का सदुपयोग करता करने वाले का जीवन व मरण मंगलमय हो जाता है। मानव अपने जीवन में पुण्य भी बहुत करता है, परंतु अंत काल में पुण्य याद नहीं, पाप ही याद आता है। इसका कारण बताते हुए कहा कि मानव पुण्य के दौरान अभिमान करता है। अपने कार्यों के प्रति अहं भाव के होने पर दान की महत्ता का क्षरण हो जाता है। एकाग्र चित्त से किया हुआ पाप ही अंत काल में याद आता है। पुण्य करता है, तो व्यग्र चित्त से करता है हमें पुण्य को सावधानी के साथ में करना चाहिए। संत मांगूदास, संत लक्ष आनंद ,संत कल्याणदास, अक्षय कुमार ,कालूराम तेली ,बाबूलाल तेली, दयाराम तेली ,मदनलाल कच्छावा, भंवरुदास वैष्णव आदि मौजूद थे।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.