DEV DIWALI: देवताओं की दिवाली पर देवालयों में दीपदान

श्रीकृष्ण मंदिरों में हुई कार्तिक मास की विशेष महाआरती , कार्तिक स्नान के साथ धार्मिक अनुष्ठान, शाम को मनाई दीपावली, रोशनी के लिए चहुंओर दीपमालिकाएं, खुशियों से सराबोर रहे श्रद्धालु

<p>DEV DIWALI: देवताओं की दिवाली पर देवालयों में दीपदान</p>
नागौर. सुबह पवित्र स्नान और शाम को चहुंओर दीपमालिकाओं से रोशनी सज्जा। देवालयों में श्रीकृष्ण की विशेष महाआरती से माहौल धर्ममय बना रहा। मौका था। सोमवार को देव दिवाली का। दिवाली के उपलक्ष्य में सोमवार को कई धार्मिक आयोजन हुए। श्रद्धालुओं ने सुबह कार्तिक स्नान के साथ ‘हरिहरÓ को श्रद्धा से याद किया। इसके बाद श्रीकृष्ण के दर्शन कर वंदना की गई। देवालयों में कम संख्या में ही सही पर श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रही। देर शाम तक भजन-कीर्तन चलता रहा। शाम को घरों व प्रतिष्ठानों के बाहर दीप सजाए गए। घरों में व्यंजन बनाए गए और भगवान को भोग लगाया।
दीपों से सजी देवालय की देहरी
देव दिवाली के उपलक्ष्य में श्रद्धालुओं ने घरों में दीप सजाए। साथ ही घरों से दीपक ले जाकर भगवान की देहरी पर दीपमालिका सजाई। देवालयों के झरोखे और आंगन में देर शाम तक दीपक टिमटिमाते रहे। आकर्षक रोशनी सज्जा को श्रद्धालु निहारते नजर आए।
दिवाली पर हरिहर की आराधना
शहर के श्रीकृष्ण मंदिरों में सुबह से ही दर्शन-वंदन के कार्यक्रम चलते रहे। शिवालयों में भी अर्चना की गई। देव दिवाली पर हरि और हर की आराधना का माहत्म्य है। मान्यता है कि इस दिन त्रिपुरासुर का वध किया गया था, जिससे देवताओं ने खुश होकर काशी में भगवान शिव की आराधना की थी। वहीं चार मास की योग निद्रा से उठने के बाद मत्स्य अवतार का दिन होने से भगवान विष्णु की भी आराधना की जाती है।
आकर्षक रही झरोखों से झिलमिलाती रोशनी
शहर के प्राचीन बंशीवाला मंदिर, रसिकनाथ का मंदिर, गोपीनाथ का मंदिर समेत श्रीकृष्ण मंदिरों में शाम को दीपमालिका सजाई गई। बंशीवाला के समीप हनुमान मंदिर में भी झांकियां सजी। यहां दीपकों से रामनाम उकेरा गया। कई श्रद्धालु शाम से ही देवालयों में दीपक सजाने का काम करते रहे। युवाओं में खासा क्रेज रहा। झरोखों में सजे दीपकों से झिलमिलाती रोशनी काफी आकर्षक रही।
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