नागौर

डेगूं का ‘कहर’, जिम्मेदार नींद में, डॉ.दम्पती बने ‘मददगार’

पालिका प्रशासन ने फॉगिंग नहीं करवाई तो डेगंू के प्रकोप को रोकने के लिए डॉ. दम्पती ने शुरु करवाया फॉगिंग कार्य

नागौरOct 10, 2021 / 06:44 pm

Rudresh Sharma

Kuchaman News

कुचामनसिटी. डेगूं का कहर इस तरह है कि चिकित्सालयों में पैर रखने की जगह नहीं मिल रही है। यहां सरकारी चिकित्सालय में सुबह होते ही पर्ची कटवाने के लिए लम्बी-लम्बी कतारे लग जाती हंै। पर्ची कटवाने के बाद भी कई घण्टों तक अपना उपचार कराने लिए चिकित्सकों के पास लाइनों में खड़े होना पड़ रहा है। इन दिनों में राजकीय चिकित्सालय में आउटडोर का आंकड़ा 1500 के पार हो गया है। यही हालात निजी चिकित्सालयों में है। हर परिवार में कोई न कोई सदस्य बीमार है। ऐसे विकट समय में शहर के एक डॉ. दम्पति आगे आकर मरीजों के मददगार बने है। यहां डीडवाना रोड स्थित कृष्णा हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. बीएल गावडिय़ा व डॉ. रजनी गावडिय़ा ने शहर के सभी वार्डों में फॉगिंग करवाने का निर्णय लिया है। हालांकि दो दिन पूर्व फॉगिंग करवाना शुरु भी कर दिया है। तथा दो दिनों में नित्य अलग-अलग वार्डों में फॉगिंग कार्य करवाया जा रहा है।
जिम्मेदारों ने मोड़ा मुंह
डेगूं रोग के कहर को देखते हुए नगरपालिका प्रशासन व चिकित्सा प्रशासन की ओर से राहत कार्य करना चाहिए, लेकिन इन विभागों के अधिकारियों को तो कोई परवाह भी नहीं है। शहरवासियों की बार-बार मांग के बावजूद भी नगरपालिका ने वार्डों में फॉगिंग कार्य नहीं करवाया। पालिका प्रशासन की ओर से सुध नहीं लेने पर डॉ. दम्पति गावडिय़ा ने मरीजों की पीड़ा समझकर नगरपालिका के 45 वार्डों में फॉगिंग करवाने का निर्णय लिया है। साथ ही मरीजों को भी परामर्श देकर डेगूं रोग के लक्षण बताकर उपचार बता रहे है। डॉ. बी. एल. गावडिय़ा व डॉ. रजनी गावडिय़ा ने बताया कि शहर में फॉगिंग कार्य पूर्ण होने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी घनी आबादी वाले क्षेत्रों में फॉगिंग कार्य करवाया जाएगा। इससे पहले भी डॉ. दम्पति शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा कार्य कर चुके है। कोरोनाकाल समय में गांव-गांव जाकर कोरोना दवा किट वितरित कर मरीजों की सेवा की थी। वही ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर आयोजित कर नि:शुल्क मरीजों का उपचार किया। बारिश के मौसम में शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों-हजारों की तादात में पौधे भी लगाए थे।

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