नागौर

Nagaur एमसीएच विंग में फिर गिरा छत का प्लास्टर, बड़ा हादसा टला

टेक्नीकल कमेटी की रिपोर्ट के अभाव में एसीबी की जांच ढाई साल बाद भी अधूरी, आठ महीने पहले मरम्मत के लिए जयपुर भेजे गए 60 लाख रुपए के प्रस्ताव पर भी गौर नहीं, ढह न जाए एमसीएच विंग का भवन

नागौरJun 17, 2021 / 02:45 pm

shyam choudhary

Ceiling plaster fell again in Nagaur MCH wing

नागौर. जिला मुख्यालय के जेएलएन अस्पताल की मदर एंड चाइल्ड (एमसीएच) विंग के भवन में बुधवार को एक बार फिर छत का प्लास्टर गिर गया। हालांकि प्लास्टर शिशु विशेषज्ञ के कक्ष में गिरा, लेकिन गनीमत रही कि उस समय कोई व्यक्ति खड़ा नहीं था। एमसीएच विंग में आए दिन गिर रहे प्लास्टर व दीवारों में आ रही दरारों के बाद अब चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों को ड्यूटी करते डर लगने लगा है तो मरीज भी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।
भवन निर्माण में बरती गई लापरवाही एवं ठेकेदार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच कर रही एसीबी की फाइल अब पीडब्ल्यूडी ने अटका दी है। एसीबी मुख्यालय द्वारा मांगी गई टेक्नीकल कमेटी की रिपोर्ट के बाद नागौर एसीबी एएसपी रमेश मौर्य ने करीब छह महीने पहले पीडब्ल्यूडी एसई को पत्र लिखकर टेक्नीकल कमेटी से मूल्यांकन करवाकर रिपोर्ट देने के लिए कहा था, लेकिन पीडब्ल्यूडी में छह महीने में कमेटी गठित होने के अलावा कोई काम नहीं हुआ है। वहीं दूसरी तरफ आठ महीने पहले एनएचआरएम के एईएन ने एमसीएच विंग के भवन की मरम्मत कराने के लिए 60 लाख का प्रस्ताव बनाकर जयपुर मुख्यालय भेजा था, लेकिन उसकी भी अब तक स्वीकृति नहीं मिली है।
इधर, एमसीएच यूनिट का भवन जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो रहा है। भवन की स्थिति जर्जर होने के कारण दीवारों व छत में ‘पोती’ गई ‘रेत’ कब गिर जाए, कुछ नहीं कह सकते। ऐसे में यहां ड्यूटी करने वाले चिकित्सा स्टाफ के साथ भर्ती होने वाले मरीजों को भी डर सताने लगा है।
ढाई साल पहले लिए थे निर्माण सामग्री के नमूने
करीब 14 करोड़ के बजट के बावजूद एमसीएच यूनिट के भवन निर्माण में की गई गड़बड़ी की शिकायत पर तत्कालील जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने एसीबी के अधिकारियों को पत्र लिखा था, जिसके बाद एसीबी के तत्कालीन उपाधीक्षक जाकिर अख्तर ने तकनीकी विशेषज्ञों की टीम के साथ 6 सितम्बर 2018 को अस्पताल पहुंचकर निर्माण सामग्री के नमूने लिए थे। एसीबी ने भवन के भूतल सहित ऊपरी मंजिल की दीवारों एवं छतों के फर्श, बाथरूम व टायलेट्स आदि के आधा दर्जन से अधिक नमूने लिए थे।
दो संभागीय आयुक्त कर चुकी निरीक्षण, परिणाम शून्य
एमसीएच विंग के भवन निर्माण में बरती गई लापरवाही का मामला बार-बार उठने पर गत वर्ष अजमेर संभागीय आयुक्त डॉ. आरुषि मलिक व डॉ. वीना प्रधान ने निरीक्षण कर आवश्यक मरम्मत करवाने के निर्देश दिए थे, इसके बावजूद परिणाम शून्य है। संभागीय आयुक्त प्रधान ने 12 नवम्बर 2020 को एमसीएच विंग में आवश्यक मरम्मत कार्य करवाने के निर्देश दिए थे, जबकि उससे पहले 23 सितम्बर 2020 को तत्कालीन संभागीय आयुक्त एमसीएच विंग में उखड़ी टाइल्स व प्लास्टर, बंद लाइट आदि को लेकर अधिकारियों से जवाब मांगा व कमियों को सुधारने के निर्देश दिए थे।
बजट की स्वीकृति नहीं मिली
एमसीएच विंग की मरम्मत के लिए भेजे गए प्रस्ताव को लेकर जयपुर से बजट की स्वीकृति नहीं मिली है।
– डॉ. शंकरलाल, पीएमओ, जेएलएन अस्पताल, नागौर

रिपोर्ट जयपुर भेजी है
जेएलएन अस्पताल की एमसीएच विंग के भवन निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत पर एसीबी द्वारा लिए गए नमूनों की एक्सपर्ट से जांच कराने के बाद रिपोर्ट तैयार कर जयपुर मुख्यालय भेजी गई थी, जिसके बाद मुख्यालय से टेक्नीकल कमेटी की रिपोर्ट मांगी गई, जिस पर हमने पीडब्ल्यूडी एसई को मूल्यांकन करवाकर रिपोर्ट देने के लिए लिखा। एसई ने कमेटी तो बना दी, लेकिन उसके बाद छह महीने से अधिक समय हो गया, कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसको लेकर मैंने बार-बार रिमाइंडर भी भेजे तथा फोन भी किए, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। इसलिए मैंने आज ही मुख्यालय को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है। टेक्नीकल रिपोर्ट के बिना जांच आगे नहीं बढ़ सकती।
– रमेश मौर्य, एएसपी, एसीबी, नागौर

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