बैंकों की हठधर्मिता, पहले दर्ज कर दी गलत जानकारी, अब नहीं दे रहे जवाब

नागौर के 278 किसानों के फसल बीमा आवेदन में दर्ज की गलत जानकारी, विधानसभा में गूंजा मामला- कृषि मंत्री ने खींवसर विधायक के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा – एसएलबीसी को पांच पत्र लिखे चुके, लेकिन नहीं मिला ठोस प्रस्ताव

<p>Khivansar MLA Narayan Beniwal </p>
नागौर. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित किसानों की ऑनलाइन एंट्री के दौरान भू-अभिलेख निरीक्षक सर्किल व पटवार सर्किल गलत भरने के कारण क्लेम से वंचित रहे किसानों को दो साल बाद भी राहत नहीं मिल पाई। स्थिति यह है कि खुद मंत्री व कृषि विभाग द्वारा राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) को इस सम्बन्ध पांच बार लिखा जा चुका है। साथ ही एसएलबीसी द्वारा 3 मार्च 2021 एवं 15 जून 2021 को कृषि से सम्बंधित योजनाओं की उप समिति की आयोजित बैठकों में भी कृषि विभाग द्वारा प्रकरण रखा गया, लेकिन एसएलबीसी द्वारा संबंधित वित्तीय संस्थान की टिप्पणी सहित ठोस प्रस्ताव आज तक प्रस्तुत नहीं किए गए हैं। यह जानकारी खुद कृषि मंत्री ने मंगलवार को विधानसभा में खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल के प्रश्न का जवाब देते हुए दी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बैंक कर्मचारियों ने लापरवाही बररते हुए नागौर जिले के 278 किसानों के आवेदन ऑनलाइन करते समय आरआई सर्किल व पटवार सर्किल गलत भर दिया, जिसके चलते उन किसानों को फसल खराबा होने के बावजूद आज तक बीमा क्लेम नहीं मिल पाया है। इसको लेकर राजस्थान पत्रिका ने गत 10 अप्रेल को ‘बैंक कर्मचारियों की अकर्मण्यता से किसानों को लाखों का नुकसान’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामला उजागर किया था।
विधायक बेनीवाल के प्रश्न पर गठित हुई थी कमेटी
फसल बीमा योजना के आवेदन ऑनलाइन करते समय की गई गड़बड़ को लेकर खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल ने विधानसभा में गत सत्र के दौरान प्रश्न लगाया था, जिसमें बताया कि नागौर जिले में फसल बीमा योजना में वर्ष 2019 व 2020 में ऑनलाइन एंट्री में भू-अभिलेख निरीक्षक सर्किल व पटवार सर्किल गलत अंकित होने से किसान बीमा क्लेम राशि वंचित रह गए। इसको लेकर कृषि विभाग व मंत्री ने ऐसे प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए समिति गठित की थी। मंगलवार को दुबारा विधायक बेनीवाल द्वारा यह मुद्दा उठाने पर मंत्री ने जबाब में कहा कि उक्त वर्षों में फसल बीमा योजना में रही त्रुटियों को सुधारने व पता करने के लिए भारत सरकार द्वारा मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) की अध्यक्षता में योजना अंतर्गत समस्या/त्रुटि/गलतियों/चूक हो जाने के कारण अतिरिक्त बीमा दावों के सृजन के निस्तारण के लिए समिति गठित की गई है।
नहीं मिला प्रस्ताव
मंत्री ने बताया कि ऐसे प्रकरणों को कमेटी के समक्ष रखे जाने के लिए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति से प्रस्ताव प्राप्त करने के लिए विभाग द्वारा 17 सितम्बर 2020, 5 फरवरी 2021, 6 अप्रेल 2021, 19 मई 2021 एवं 3 अगस्त 2021 को पत्र लिखे गए तथा एसएलबीसी द्वारा 3 मार्च 2021 एवं 15 जून 2021 को कृषि से सम्बंधित योजनाओं की बैठक में भी विभाग द्वारा प्रकरण रखा गया, लेकिन एसएलबीसी द्वारा संबंधित वित्तीय संस्थान की टिप्पणी सहित ठोस प्रस्ताव आज तक प्रस्तुत नहीं किए गए हैं।
दोनों वर्षों के 278 प्रकरण
मंत्री ने कहा कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति से नागौर जिले के लिए खरीफ 2019 में 136 तथा खरीफ 2020 में 142 प्रकरणों को लेकर 8 सितम्बर 2021 को सूचित किया गया है। इस प्रकार कुल 278 प्रकरण लम्बित हैं, जिसकी विस्तृत सूचना राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति से अपेक्षित है। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति से ठोस प्रस्ताव प्राप्त होने के उपरांत उनका परीक्षण कर प्रस्ताव राज्य सरकार की टिप्पणी सहित भारत सरकार को समिति के समक्ष निर्णय के लिए रखे जाएंगे।
15 दिन में करवा देंगे निस्तारण
मंत्री के जवाब पर विधायक ने दुबारा प्रश्न करते हुए कहा कि उनके द्वारा भिजवाए गए पत्र के जवाब में विभाग ने कहा कि सात दिन में सम्बन्धित किसानों को भुगतान किया जाएगा, लेकिन कादरपुरा-बसवाणी का प्रकरण आज तक लम्बित है? दूसरा क्या ऐसे किसान अपना हक पाने के लिए उपभोक्ता न्यायालय में शरण ले सकते हैं? इस पर मंत्री ने जबाब दिया कि आपके नागौर का मामला मेरे संज्ञान में और उसका निस्तारण पन्द्रह दिन में करवा दिया जाएगा एवं समस्त राज्य में ऐसे प्रकरणों को गंभीरता से लेकर निस्तारण किया जाएगा।
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