केंद्र सरकार के कृषि विधेयक पर किसानों के बाद अब कांग्रेस ने भी खोला मोर्चा, भाजपा पर जमकर साधा निशाना

Highlights
-राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
-भाजपा सरकार पर जमकर साधा निशाना

मुजफ्फरनगर। कृषि को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाये गये 3 कृषि विधेयकों के विरोध में देशभर के किसान विरोध प्रदर्शन पर उतारू हैं। वहीं जनपद मुजफ्फरनगर में भी शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन किया। जहां पूर्व विधायक पंकज मलिक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर किसानों और व्यापारियों को बर्बाद करने की नीति अपनाने के आरोप लगाते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई। साथ ही मास्क भी बहुत ही कम कार्यकर्ता लगाए हुए थे।
दरअसल कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी प्रिंयका गांधी और प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के आह्नान पर शनिवार को पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक पंकज मलिक के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा। जिसमें केन्द्र सरकार द्वारा सदन में कृषि उत्पाद, व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन) विधेयक और किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) विधेयक पारित किये जाने का पुरजोर विरोध करते हुए इसे देश के किसानों और कृषि मंडियों के व्यापारियों के लिए काला कानून बताते हुए निंदा की।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार का यह फैसला पूरी तरह से किसान एवं राष्ट्र विरोधी है, एक तरफ जहां सरकार किसानों की आय को दुगना करने की बात करती है। वहीं दूसरी ओर उक्त काले कानून को संसद में लाकर पारित कराती है, जिससे हमारे देश व प्रदेश के करोड़ों अन्नदाताओं के मौजूदा हक का हनन होगा। केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया यह बिल पूर्ण रूप से किसान विरोधी और बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से पारित किया गया है।
पूर्व विधायक पंकज मलिक ने कहा कि आज पूरे देश का किसान इस काले कानून के विरोध में सड़कों पर है। साथ ही हम उत्तर प्रदेश के सभी कांग्रेस कार्यकर्ता हरियाणा में किसानों के साथ पुलिस द्वारा की गई ज्यादती की कठोर निंदा करते हैं। हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों पर किया गया लाठीचार्ज अंग्रेजों के जमाने की याद दिलाता है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि किसानों पर हुई ज्यादती के जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जाए व हरियाणा सरकार को तत्काल बर्खास्त किया जाए।
उन्होंने कहा कि यह सत्य भी किसी से छुपा हुआ नहीं है कि इस भंयकर महामारी के समय में भी देश के किसानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना फसलों का निरंतर उत्पादन किया और हमारे देश में आर्थिक संकट के बाद भी कोरोना काल में केवल कृषि ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जिसका उत्पादन नहीं गिरा। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से मांग करते हुए कहा कि विशिष्ट शक्ति का उपयोग करते हुए उक्त काले कानून को देशहित में निरस्त कराया जाये। यदि ऐसा नहीं हुआ तो प्रदेश का हर कांग्रेस कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ अहिंसावादी तरीके से आंदोलन करने को तैयार है।
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