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दरअसल, जिला कलेक्ट्रेट में चल रहे भारतीय किसान यूनियन के धरने के दूसरे दिन वक्ताओं ने सभी समस्याओं का बखान करते हुए कहा कि किसान आवारा पशु बिजली विभाग व गन्ना विभाग से त्रस्त हैं। किसानों की समस्याओं के समाधान के बगैर किसान यहां से जाने वाले नहीं हैं। इसके उपरांत जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने किसानों से बात की। जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव, नगर मजिस्ट्रेट अतुल कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार, पुलिस अधीक्षक नगर सतपाल आंतिल, अधीक्षण अभियंता बिजली, जिला गन्ना अधिकारी किसानों के बीच पहुंचे और किसानों की समस्याओं पर बिंदुवार चर्चा करते हुए विभागवार जानकारी दी गयी। जिला गन्ना अधिकारी ने कहा कि जिले में 62 लाख कुंतल अतिरिक्त अनुबंध किया जाएगा। इसके बाद भी अगर गन्ना बचता है तो दोबारा सर्वे कराकर किसानों का सभी गन्ना खरीदा जाएगा। शुगर मिल की क्षमता व पिराई की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जो प्रत्येक सप्ताह जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को देगी। सत्र 2017-18 में प्रमुख सचिव गन्ना के आदेश कि जो चीनी मिल समय से गन्ना भुगतान नहीं करेंगी, उसको परिवहन ढूलाईभाड़ा काटने की अनुमति नहीं है। इसका पालन न करने वाली शुगर मिल के पैसे की गणना कर एक सप्ताह के अंदर नोटिस जारी कर भुगतान के प्रयास किए जाएंगे। सभी तरह के मेंबर का सट्टा चालू कर दिया गया है, अगर किसी का कोई प्रार्थना पत्र प्राप्त होता है तो तुरंत उस पर कार्रवाई की जाएगी।
बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता ने कहा कि सरकार की तरफ से निजी नलकूप के बकाया बिल के लिए आसान किस्त की योजना लाई गई है, जिसके अंतर्गत पंजीकरण कराकर किसान अपना पैसा जमा कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बिजली के बिल गलत जाने के संबंध में आश्वासन दिया कि विद्युत उपखंड अधिकारी के कार्यालय पर सभी समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा। वहीं रात में छापेमारी नहीं करने का भी आश्वासन दिया।
डीएम ने कहा कि प्रमाण पत्र के नाम पर पैसे मांगने वालों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। किसी की भी प्रमाण पत्र को निर्गत करने के लिए कोई अधिकारी पैसे की मांग करता है तो उसकी शिकायत संबंधित अधिकारी से करें। जांच कराकर उसके निलंबन की कार्रवाई कराई जाएगी।
जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर ने कहां कि जो आश्वासन अधिकारियों ने किसानों को दिए हैं, उनका सख्ती के साथ पालन कराया जाएगा। किसानों के साथ लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि संवाद हीनता समस्या की जड़ है। सभी किसानों से निवेदन है कोई भी कार्य हो उनको सीधा अवगत कराया जाए। वहीं भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि किसान नेताओं से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हमारी प्रशासन से मांग से तमाम विषयों को जल्द से जल्द समाप्त कर किसानों को राहत दे। अन्यथा किसान हर संभव आंदोलन के लिए तैयार हैं।