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यह है सबसे बड़ी वजह
यह बात किसी से छिपी नहीं है ईपीएफ का रुपया शेयर बाजार में लगाया जाता है। यह रुपया सरकारी सिक्योरिटीज, डेट इंस्ट्रुमेंट और शेयर बाजार में लगाया जाता है। कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार पर काफी बुरा असर देखने को मिला है। जिसकी वजह से सरकार की ओर से ईपीएफ का रुपया भी शेयर बाजार में डूबा है। जिसकी वजह से सरकार 0.35 फीसदी ब्याज का भुगतान दिसंबर में करने का फैसला लिया गया हैै। सरकार एक बार फिर से शेयर बाजार के बूस्ट होने का वेट कर रही है। ताकि बेहतर रिटर्न पाया जा सके। सरकार को उम्मीद है कि वो इक्विटी से बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
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बाजार में कितना रुपया लगाती है सरकार
– सरकार ईपीएफ के पैसे शेयर बाजार में मौजूदा समय में करीब 15 फीसदी तक लगा सकती है।
– पहले सरकार कम पैसे शेयर बाजार में लगाती थी।
– 2015-16 में ईपीएफ का कुल 5 फीसदी यानी 6578 करोड़ रुपए शेयर बाजार में लगाए थे।
– 2016-17 में ये आंकड़ा बढ़कर 10 फीसदी यानी 14,981 करोड़ रुपए हो गया।
-2017-18 में 15 फीसदी यानी 24,970 करोड़ रुपए शेयर बाजार में निवेश किया।
– 2018-19 में सरकार ने 15 फीसदी यानी 27,974 करोड़ रुपए शेयर बाजार में लगाया।
– 2019-20 के निवेश की घोषणा अभी सरकार ने नहीं की है।
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बीते 6 सालों में सबसे कम ब्याज दर
– मौजूदा समय में ईपीएफ पर दिया जा रहा 8.50 फीसदी का ब्याज।
– मौजूदा समय में ईपीएफ में ब्याज दर पिछले 6 सालों में सबसे कम।
– प्रोविडेंट फंड पर 2014-15 में 8.75 फीसदी ब्याज दिया गया।
– वित्त वर्ष 2015-16 में 8.80 फीसदी ब्याज दिया गया।
– 2016-17 में 8.65 फीसदी पीएफ पर ब्याज दर लागू किया गया।
– 2017-18 में 8.55 फीसदी ब्याज दिया गया।
– 2018-19 में 8.65 फीसदी ब्याज दर लागू किया गया है।
– इस बार 2019-20 में 8.50 फीसदी का ब्याज दिया है।