भविष्य सुरक्षित करने के लिए महिलाओं के लिए ज्यादा जरूरी है रिटायरमेंट प्लानिंग

औसत आयु बढऩे से असर समाज में देखने को मिल रहा है कि पुरुष अब तेजी से रिटायरमेंट प्लानिंग कर रहे है लेकिन महिलाएं आज भी इसको लेकर उदासीन बनी हुई है।

एक विकसित जीवन शैली, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सकीय सुविधाओं के कारण औसत भारतीय की उम्र में वृद्धि हुई है। इसमें पुरुष और महिला दोनों शामिल हैं। औसत आयु बढऩे से रिटायरमेंट प्लानिंग की चिंता भी बढ़ी है। इसका असर समाज में देखने को मिल भी रहा है कि पुरुष अब तेजी से रिटायरमेंट प्लानिंग कर रहे है लेकिन महिलाएं आज भी इसको लेकर उदासीन बनी हुई है। इससे एक बड़ा सवाल उठता है कि क्या महिलाओं को रिटायरमेंट प्लानिंग नहीं करनी चाहिए। फाइनेंशियल प्लानर जितेंद्र सोलंकी कहते हैं कि महिलओं को पुरुषों के मुकाबले रिटायरमेंट प्लानिंग की ज्यादा जरूरत है।


निवेश के विकल्पों का चयन

अक्लमंदी से निवेश करने के लिए आपको जोखिम लेने की क्षमता और इच्छाओं के बीच संतुलन बैठाना होगा। निवेश करने के लिए बहुत से विकल्प मौजूद है पर आपको तय करना होगा कि जोखिम और रिटर्न का कौन सा संतुलन आपके लिए अच्छा है। साथ ही आपने जिस निवेश का चुनाव किया है उसकी समीक्षा करनी बेहद जरूरी है। जब आप रिटायरमेंट की उम्र में पहुंच रही हों तो आपको अपनी निवेश योजना को लेकर थोड़ा सचेत रहना चाहिए।


महिलाओं के लिए चुनौतियां

इस बात के बहुत से प्रमाण हैं कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में काम करने के लिए बहुत कम साल मिलते हैं, ऐसे में बचत का मौका भी कम होता है। इसकी प्रमुख वजह है यह है कि उन्हें समाज में कई पारंपरिक भूमिकाएं निभानी पड़ती हैं जिसके चलते उनका करियर प्रभावित होता है। इससे उन्हें काम करने का कम मौका मिलता है, साथ ही उनकी आय में भी बहुत ज्यादा इजाफा नहीं हो पाता है। साथ ही महिलाओं की औसत जीवन पुरुषों से ज्यादा है, जिसकी वजह से उन्हें काफी अलग तरह की स्वास्थ संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यह प्रमुख कारण हैं जिनके चलते महिलाओं के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग करना अनिवार्य हो जाता है।


रिटायरमेंट प्लानिंग में सिर्फ बचत ही नहीं

रिटायरमेंट प्लानिंग करने का मतलब केवल यह नहीं है कि आपको बचत करनी है। इसका मकसद यह जानना है कि आखिर आपको कितने फंड की जरूरत पड़ेगी। प्लान में बदलाव करने से आपको यह लक्ष्य पूरा करने में मदद मिलेगी। रिटायरमेंट प्लानिंग में देर करना बेहद आम है। हमें लगता है कि अभी हमारे रिटायरमेंट में काफी वक्त है तो इसके लिए प्लानिंग करने में काफी समय बचा हुआ है। हमें यह बात समझ नहीं आती है कि अगर हम एक और साल इंतजार करेंगे तो लक्षित फंड में कमी आ जाएगी। अगर हम इसमें देरी करते हैं तो आने वाले सालों में हमें इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। ऐसे में पर्याप्त रिटायरमेंट फंड के लिए अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग करना और भी जरूरी हो जाता है।


योजना में करते रहें बदलाव

अपने जीवन में होने वाले परिवर्तन के अनुसार आपको अपनी बचत योजनाओं में बदलाव करते रहना चाहिए। इससे निवेश पर बेहतर रिटर्न प्राप्त होगा।

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