35% तक मिलता है कमीशन
एलआईसी अपने एजेंट्स को पॉलिसी की किस्त का 25 फीसदी तक कमीशन के रूप में देती है। यह पॉलिसी की पहली किस्त (पहले साल के प्रीमियम) पर ही लागू होता है, इसके बाद कमीशन घटता जाता है। पॉलिसीधारक जितनी बार भी किस्त जमा कराएगा, एजेंट को उतनी बार कमीशन मिलेगी। एंजेट को एक तरह से केवल एक बार ही पॉलिसी करनी है। उसके बार हर इंस्टॉलमेंट पर उसकी कमीशन तय होती है।
एलआईसी अपने एजेंट्स को पॉलिसी की किस्त का 25 फीसदी तक कमीशन के रूप में देती है। यह पॉलिसी की पहली किस्त (पहले साल के प्रीमियम) पर ही लागू होता है, इसके बाद कमीशन घटता जाता है। पॉलिसीधारक जितनी बार भी किस्त जमा कराएगा, एजेंट को उतनी बार कमीशन मिलेगी। एंजेट को एक तरह से केवल एक बार ही पॉलिसी करनी है। उसके बार हर इंस्टॉलमेंट पर उसकी कमीशन तय होती है।
2 तरह के होते हैं प्लान
एलआईसी की वेबसाइट के मुताबिक एंडोमेंट और मनीबैक पॉलिसी के तहत ग्राहकों को अलग-अलग तरह से कमीशन मिलता है। दोनों ही पॉलिसी में कमीशन की दरें अलग होती हैं। एंडोमेंट पॉलिसी पर किस्त के कुल भाग का 35 फीसदी तक और मनीबैक में किस्त के कुल भाग का 25 फीसदी तक कमीशन मिलती है। इसके बाद कमीशन घटनी शुरू हो जाती है।
20 साल में लाखों कमाते हैं एजेंट
एलआईसी की वेबसाइट के मुताबिक अगर ग्राहक 20 साल की पॉलिसी लेता है और हर साल 10 हजार रुपए प्रीमियम जमा कराता है तो 20 साल बाद एंडोमेंट पॉलिसी में एंजेट को 1.35 लाख और मनीबैक पॉलिसी में 1.43 लाख रुपए मिलते हैं। यह तो सिर्फ एक ग्राहक से कमाई है। एजेंट जितनी ज्यादा पॉलिसी करवाता है, उसकी कमाई भी उसी हिसाब से बढ़ती जाती है।
एलआईसी की वेबसाइट के मुताबिक अगर ग्राहक 20 साल की पॉलिसी लेता है और हर साल 10 हजार रुपए प्रीमियम जमा कराता है तो 20 साल बाद एंडोमेंट पॉलिसी में एंजेट को 1.35 लाख और मनीबैक पॉलिसी में 1.43 लाख रुपए मिलते हैं। यह तो सिर्फ एक ग्राहक से कमाई है। एजेंट जितनी ज्यादा पॉलिसी करवाता है, उसकी कमाई भी उसी हिसाब से बढ़ती जाती है।