Gas Cylinder फटने पर मिलता है 50 लाख रुपए का मुआवजा, जानिए कैसे करें क्लेम

LPG Connection लेने पर पेट्रोलियम कंपनियां ग्राहक को उपलब्ध कराती हैं Personal Accident Cover
Gas leakage या Blast के चलते हादसा होने पर Petroleum Companies करती है 50 लाख रुपए की मदद

<p>Gas Cylinder gets compensation of 50 lakh rupees, know how to claim</p>

नई दिल्ली। एलपीजी सिलेंडर ( LPG Cylinder ) या घरेलू गैस सिलेंडर ( Domestic Gas Cylinder ) इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। 1 जून से लॉकडाउन पीरियड ( Lockdown Period ) के दौरान पहली बार गैस सिलेंडर की कीमत ( Gas Cylinder Price ) में इजाफा कर दिया। वहीं उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) में गैस सिलेंडर फटने स बड़ा हादसा हो गया। ऐसे में ग्राहकों को यह जानना काफी जरूरी है कि करीब 600 रुपए का गैस सिलेंडर खरीदने या गैस कनेक्शन ( Gas Connection ) लेते समय में लोगों को और दूसरी क्या सुविधाएं मिलती हैं। क्या आपको इस बात की जानकारी है कि गैस कंपनियां प्रत्येक कनेक्शन पर पर्सनल एक्सीडेंट कवर ( Personal Accident Cover ) भी देती हैं? हादसा होने पर आपको 50 लाख रुपए का कवर भी मिलता है? आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।

50 लाख रुपए का मिलता है कवर
– एलपीजी कनेक्शन लेने पर पेट्रोलियम कंपनियां कस्टमर को पर्सनल एक्सीडेंट कवर देती हैं।
– 50 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस एलपीजी सिलेंडर से गैस लीकेज या ब्लास्ट होने के कारण आर्थिक मदद के तौर मिलता है।
– हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम के रसोई गैस कनेक्शन पर इंश्योरेंस आईसीआईसीआई लोम्बार्ड दे रहा है।

नेशनल कंज्यूमर फोरम
– गैस सिलेंडर के थ्रू हादसे की पूरी जिम्मेदारी डीलर और कंपनी की होगी। एक साल पहले हुए हादसे पर नेशनल कंज्यूमर फोरम के आदेश के अनुसार मार्केटिंग डिस्प्लिन गाइडलाइंस 2014 फॉर एलपीजी डिस्ट्रिब्यूशन के तहत तय है।
– डीलर ने डिफेक्टिव सिलिंडर सप्लाई किया है तो वह अपनी जिम्मेदारी शिकायती पर नहीं डाल सकता।
– गाइडलाइंस के अनुसार डीलर डिलिवरी से पहले चेक करे कि सिलिंडर बिल्कुल ठीक है या नहीं।

इतना है मुआवजा
– गैस सिलेंडर से हुए हादसे में नुकसान के लिए मुआवजा प्रति घटना 50 लाख और प्रति व्यक्ति 10 लाख रुपए है।
– यह मुआवजा तभी मिलता है जब गैस एजेंसी के साथ रजिस्टर्ड कस्टमर के घर पर हुआ हो।
– रजिस्टर्ड डीलर के कैंपस में हादसा हुआ हो।
– सिलिंडर को पेट्रोलियम कंपनी के यहां से डिस्ट्रीब्यूटर के यहां ले जाते वक्त रजिस्टर्ड ट्रांसपोर्ट कान्ट्रैक्टर के पास होने के दौरान हुआ हादसा हुआ हो।
– सिलिंडर डीलर के यहां से कर्मचारी या ग्राहक द्वारा ग्राहक के घर ले जाया जा रहा हो।
– बीमित के द्वारा कम्युनिटी किचन, रेटिकुलेटेड सिस्टम्स, अन्य चीजों जैसे गीजर, लाइटिंग, जनरेटर सेट, इरीगेशन पंप आदि में एलपीजी की सप्लाई के दौरान हुआ हो। – पंजीकृत परिसरों में सिलिंडर को एलपीजी इंस्टॉलेशन से कनेक्ट और डिसकनेक्ट करने के दौरान हादसा हुआ हो।

किसको कितना मुआवजा
– हादसे में ग्राहक की प्रॉपर्टी या घर को नुकसान होने पर प्रति एक्सीडेंट 2 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस क्लेम मिलता है।
– हादसे में मौत होने पर प्रति एक्सीडेंट प्रति व्यक्ति 6 लाख रुपए का मुआवजा मिलता है।
घायलों को मेडिकल खर्च के लिए प्रति एक्सीडेंट 30 लाख रुपए का मुआवजा मिलता है, जो प्रति व्यक्ति 2 लाख रुपए तक होता है।
– प्रति व्यक्ति 25000 रुपए तक की तुरंत राहत सहायता भी दी जाती है।
– पर्सनल लॉस या प्रोपर्टी डैमेज के लिए मुआवजा तक मिलेगा जब भरा हुआ सिलिंडर बॉटलिंग प्लांट से बाहर ले जाया जा रहा हो।
– ट्रांसपोर्टेशन के दौरान भरा हुआ सिलिंडर डिस्ट्रीब्यूटर के यहां रखा हो।
– सिलिंडर डिस्ट्रीब्यूटर के यहां से ग्राहक के घर ले जाया जा रहा हो।
– ग्राहक के घर से से भरा या खाली सिलिंडर डिस्ट्रीब्यूटर के पास ले जाया जा रहा हो।
– भरा हुआ सिलिंडर ग्राहक के घर पर रखा हो या फिर खाली सिलिंडर बॉटलिंग प्लांट में वापस लाया जा रहा हो।
– बीमित के द्वारा कम्युनिटी किचन, रेटिकुलेटेड सिस्टम्स, अन्य चीजों जैसे गीजर, लाइटिंग, जनरेटर सेट, इरीगेशन पंप आदि में एलपीजी की सप्लाई के दौरान.
जानिए क्लेम लेने का पूरा प्रोसेस
– मायएलपीजी.इन के मुताबिक एलपीजी गैस सिलेंडर के बीमा कवर पाने के लिए दुर्घटना के बाद सबसे पहले हादसे की सूचना नजदीकी पुलिस स्टेशन और अपने एलपीजी वितरक को दें।
– इसके बाद संबंधित एरिया ऑफिस जांच करता है कि हादसे का कारण क्या है
– एफआईआर की कॉपी, घायलों के इलाज के पर्चे व मेडिकल बिल तथा मौत होने पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाणपत्र संभाल कर रखें।
– अगर हादसा एलपीजी एक्सीडेंट है तो एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एजेंसी/एरिया ऑफिस बीमा कंपनी के स्थानीय ऑफिस को इस बारे में सूचित करेगा
– दुर्घटना होने पर उसकी ओर से वितरक के जरिए मुआवजे का दावा किया जाता है।
– दावे की राशि बीमा कंपनी संबंधित वितरक के पास जमा करती है और यहां से ये राशि ग्राहक के पास पहुंचती है।

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