करे रहें टैक्स बचत की प्लानिंग, तो न करें ये गलतियां

आप अाखिरी समय में भी कुछ वित्तीय निवेश विकल्पों का चयन कर सकते है पर इसके लिए आपको बस कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होगा।

नर्इ दिल्ली। इनकम टैक्स भरने की अंतिम तारीख में अब बस कुछ ही दिन बचें है। एेसे में आप अपने टैक्स बचत के बारे में सोच रहे होंगे। सही तरीके से देखें तो टैक्स बचत की प्लानिंग हमें वित्तीय वर्ष की शुरूआत से ही करनी चाहिए। यदि आप मौजूदा वित्तीय वर्ष में एेसा करने में चूक गए हैं तो चिंता न करें। आप अाखिरी समय में भी कुछ वित्तीय निवेश विकल्पों का चयन कर सकते है पर इसके लिए आपको बस कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होगा।


अांकलन करना सबसे जरूरी

अाखिरी वक्त में कहीं एेसा न हों कि आप एक एेसे निवेश विकल्प का चयन कर लें जो इस समय तो आपके टैक्स बचत कर दे लेकिन लंबे समय में आपको इसके दुष्परिणाम देखने को मिले। एेसे में इस समय आपको किसी भी वित्तीय निवेश को चुनने से पहले, अपने वित्तीय जरूरतों को समझें आैर फिर उसी हिसाब से निवेश विकल्प को चुनें। इससे आपको दोनों तरह का लाभ होगा। एक तरफ आप टैक्स बचत कर पाएंगे वहीं दूसरी तरफ आप लंबे समय में वित्तीय तौर पर मजबूत भी होंगे।


सही इंश्योरेंस कवर लें

अक्सर लोग टैक्स बचत के लिए बिना सोचें समझे किसी भी इंश्योरेंस को खरीद लेते हैं। हालांकि ये एक आवश्यक वित्तीय उत्पाद है लेकिन केवल टैक्स बचत के उद्देश्य से आंख बंद कर किसी भी इंश्याेरेंस काे खरीद लेना आपको भारी पड़ सकता है। इसलिए जरुरी है कि आप अपनी जरूरतों के हिसाब से ही इंश्योरेंस खरीदें। सामान्यत: अपने मौजूदा वार्षिक कमार्इ का 15 से 20 फीसदी गुना कवरेज वाला इंश्योरेंस ले सकते हैं। इससे जरूरत पड़ने पर भविष्य में आपके जरुरतों को पूरा करने में मदद मिलेगा।


वेल्थ क्रिएशन पर भी दें ध्यान

अापका वित्तीय लक्ष्य सिर्फ टैक्स बचाना या बेहतर इंश्योरेंस लेना ही नहीं होना चाहिए, बल्कि वित्तीय मजबूती हासिल करना भी आपके लिए सबसे जरूरी है। इसके लिए भविष्य में बढ़ती महंगार्इ से निपटने के लिए आप ELSS या ULIP जैसे साधानों में निवेश कर सकते हैं। इससे आपको कर्इ फायदे होंगे। एक तरफ आप बेहतर रिटर्न पा सकेंगे वहीं दूसरी तरफ आपके टैक्स बचत में ये निवेश विकल्प मददगार होगा।


सही निवेश भुगतान के विकल्प का चुनें

इस समय आपके लिए जितना जरूरी निवेश विकल्प चुनना जरूरी है उतना ही जरूरी आपके लिए इसके भुगतान के तरीके को चुनना भी है। जैसे, यदि आप हेल्थ प्रीमियम का भुगतान नगद में करतें हैं तो आपको टैक्स छूट नहीं मिलता है।इसलिए जरूरी है कि आप निवेश भुगतान के तरीकों के बारें में जानकारी इकट्ठा करें।

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