इसके अलावा यात्रियों की कलाई पर होम कोरंटीन की मुहर लगाई गई। सभी यात्रियों को आने वाले 14 दिन कोरंटीन रहने के निर्देश दिए गए।
ट्रेन में यात्रा कर रहे बहुत से ऐसे यात्री थे, जो किसी पारिवारिक कार्यक्रम, छुट्टियों और व्यावसायिक यात्राओं के लिए मुंबई से दिल्ली गए, लेकिन लॉकडाउन के चलते वहां फंस गए। 81 वर्ष के यात्री रईस अहमद बताते हैं कि मैं 14 अप्रैल को मुंबई वापस लौटने वाला था, लेकिन लॉकडाउन की घोषणा के कारण नहीं आ सका।
बांद्रा के रहने वाले अर्नव सक्सेना ने सुरक्षित रहने के लिए नई दिल्ली से मुंबई तक के सफर को पीपीई सूट पहनकर पूरा किया। उन्होंने बताया कि मैं काम के सिलसिले में गुडग़ांव गया था,लॉकडाउन में वहीं फंसा रह गया।
घाटकोपर निवासी अनिल मेहता घुटी हुई आवाज में बोले मैंने अपनी पत्नी के साथ नई दिल्ली से श्रीलंका के दौरे पर जाने की योजना बनाई थी। लॉकडाउन ने दौरे को रद्द कर दिया। मैं अपने रिश्तेदारों के साथ रहा, जिन्होंने हमें पूरी तरह से सहज महसूस कराया। मैंने श्रीलंका दौरे पर 56,000 रुपए खर्च किए थे।
वाशी में रहने वाले एक जोड़े ने बताया कि हम फरीदाबाद में शादी के लिए गए थे। तालाबंदी की घोषणा के बाद हम वापस नहीं लौट पाए। यात्रियों ने ट्रेन के साथ-साथ स्टेशन में स्वच्छता और भीड़ प्रबंधन की तारीफ की।
रेलवे प्रशासन और पुलिस ने स्टेशन क्षेत्र बाहर के किस व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया। यात्रियों को अपने वाहनों में सवार होने के लिए स्टेशन से लगभग 100 मीटर चलना पड़ा।
शहर के भीतर परिवहन के लिए बेस्ट बसों को और नवी मुंबई, ठाणे, कल्याण या वसई की ओर जाने वालों के लिए महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों को तैनात किया गया था।
फायर ब्रिगेड के अधिकारी ने बताया कि बीएमसी के सुरक्षा कर्मचारियों ने लोगों का थर्मल स्क्रीनिंग किया और फायर विभाग की टीम ने लोगों के सामान को परिसर से बाहर लाने में मदद की।