Maharashtra Bhima koregao : महारों ने कैसे हराया था मराठों को, बरसी पर भीमा-कोरेगांव में क्या है बड़ा आयोजन

हर वर्ष एक जनवरी को दलित समुदाय के लोग भीमा कोरेगांव में जमा होते है। 201 साल पहले 1818 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में शामिल महारों (दलित) ने पेशवा (मराठा) की सेना पर विजय हासिल की थी। इसी की याद में यहां पर विजय स्तंभ बनाया गया है।

<p>Maharashtra Bhima koregao : म्हारों ने कैसे हराया था मराठों को, बरसी पर भीमा-कोरेगांव में क्या है बड़ा आयोजन</p>
पुणे. मराठों पर महारों की जीत की बरसी पर एक जनवरी को भीमा कोरेगांव में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए परिसर में 10 हजार से ज्यादा पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे। अफवाहों पर अंंकुश रखने के लिए पुलिस ने 250 वाट्सएप ग्रुप के सदस्यों सहित 720 लोगों को नोटिस जारी किया है। साथ ही 163 लोगों को नोटिस देकर 48 घंटे के लिए जिला बदर किया गया है। अफवाहों पर रोक लगाने के लिए पुलिस ने वाट्सएप ग्रुप के एडमिन को आगाह किया है।
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उल्लेखनीय है कि हर वर्ष एक जनवरी को दलित समुदाय के लोग भीमा कोरेगांव में जमा होते है। 201 साल पहले 1818 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में शामिल महारों (दलित) ने पेशवा (मराठा) की सेना पर विजय हासिल की थी। इसी की याद में यहां पर विजय स्तंभ बनाया गया है। हर साल एक जनवरी को देश भर से दलित समाज के लोग भीमा कोरेगांव पहुंचते हैं और विजय स्तंभ को सलाम करते हैं। विजय स्तंभ पर उन म्हार योद्धाओं के नाम लिखे हुए हैं, जो इस लड़ाई में शामिल हुए थे।
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