सस्पेक्टेड कोरोना मरीजों के लिए नहीं है अस्पताल में सेपरेट वार्ड

– मरीजों को करना पड़ रहा है अन्य वार्डों में भर्ती, संक्रमण का बढ़ा खतरा- मुरैना कोरोनामुक्त होते ही सस्पेक्टेड वार्ड को बना दिया फीमेल मेडिकल वार्ड

<p>सस्पेक्टेड कोरोना मरीजों के लिए नहीं है अस्पताल में सेपरेट वार्ड</p>
मुरैना. कोरोना को लेकर जिला अस्पताल प्रबंधन गंभीर नहीं हैं। जो सस्पेक्टेड कोरोना मरीज आ रहे हैं, उनके लिए अस्पताल में सेपरेट वार्ड की कोई व्यवस्था नहीं हैं। मजबूरन ऐसे मरीजों को अन्य वार्डों में मरीजों के बीच भर्ती करना पड़ रहा है जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। पिछले कुछ दिनों में ऐसे कुछ मरीज पॉजीटिव आ चुके हैं जो अन्य वार्डों में भर्ती थे। अस्पताल प्रबंधन ने गंभीरता नहीं दिखाई तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
यहां बता दें कि पिछले मार्च अप्रैल में जब कोरोना संक्रमण की शुरूआत हुई थी तब कोरोना पॉजीटिव मरीजों के साथ साथ ऐसे मरीज जो सीटी स्कैन में पॉजीटिव आते या उनमें बुखार, जुकाम व सर्दी अर्थात कोरोना के प्रारंभिक लक्षण दिखाई देते, उनको अलग से रखने के लिए एक वार्ड तैयार किया था। उसमें हर पलंग पर ऑक्सीजन की व्यवस्था थी लेकिन मुरैना कोरोना मुक्त घोषित होते ही अस्पताल प्रबंधन ने उक्त कोरोना संभावित मरीजों वाले वार्ड को महिला फीमेल वार्ड बना दिया। इस वार्ड में जो ऑक्सीजन की फिटिंग बगैरह थी, वह सब क्षतिग्रस्त कर दी गई है। अब स्थिति यह है कि कोरोना संभावित मरीजों को अन्य वार्डों में या फिर ग्वालियर रैफर करना पड़ रहा है।
इंदौर से आए युवक का साइन फ्लू वार्ड में किया भर्ती
एक युवक इंदौर से लौटकर मुरैना आया था। उसको परेशानी हुई तो उसने दवा ले ली। उस दवा से उसकी जांच तो निगेटिव आ गई लेकिन सीटी स्कैन में वह पॉजीटिव आया है। उसको स्वाइन फ्लू वार्ड में रखकर इलाज किया जा रहा है।
मेडिकल वार्ड में महिला और आइसीयू से पुरुष आया पॉजीटिव
शनिवार को आई कोरोना की जांच रिपोर्ट में दो मरीज ऐसे पॉजीटिव आए जो अन्य मरीजों के बीच सामान्य इलाज करवा रहे थे। एक महिला जो मेडिकल वार्ड में भर्ती थी, वह पॉजीटिव आई है और पुरुष आइसीयू में भर्ती था। अस्पताल प्रबंधन को चाहिए, उनके संपर्क में आने वाले मेडिकल स्टाफ और उनके आसपास के पलंग पर भर्ती मरीजों की तो जांच करवाना ही चाहिए, अन्यथा संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है।
सिर्फ १४ पलंग पर ही ऑक्सीजन की व्यवस्था
जिला अस्पताल में अभी तक कोरोना पॉजीटिव मरीजों के लिए सिर्फ १४ पलंग पर ही ऑक्सीजन की व्यवस्था है। हालांकि प्रबंधन ने नेत्र वार्ड में ४० पलंग रिजर्व कर दिए हैं लेकिन ऑक्सीजन की वहां व्यवस्था नहीं हैं। इसके चलते रोजाना दो चार मरीज ऐसे जिनको ऑक्सीजन की आवश्यकता है, उनको ग्वालियर रैफर किया जा रहा है। शनिवार को गलेथा के व्यक्ति को सीटी स्कैन में संक्रमण का स्कोर २२ प्रतिशत था, उसको ग्वालियर रैफर कर दिया। वहीं एक व्यवसायी को भी ग्वालियर भेजा गया है।
कथन
– कोरोना सस्पेक्टेड मरीजों के लिए सेपरेट वार्ड कल से ही खाली कर दिया जाएगा। फीमेल वार्ड को खाली कराकर उसमें फिर से ऑक्सीजन बगैरह की पुरानी फिटिंग को दुरस्त किया जाएगा। वहीं आई वार्ड में ४० पलंग सेपरेट किए गए हैं। इसके अलावा मरीज बढऩे के साथ साथ व्यवस्थाएं बढ़ा दी जाएंगी।
डॉ. अशोक गुप्ता, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
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