प्रभारी ने पुत्र-पुत्री को अतिथि शिक्षक बनाकर निकाला पैसा

– पर्याप्त शिक्षक होने के बाद भी अतिथि शिक्षक रखकर लगाई सरकारी खजाने को चपत- बीआरसी ने निरीक्षण में पाई अनियमितता

<p>प्रभारी ने पुत्र-पुत्री को अतिथि शिक्षक बनाकर निकाला पैसा</p>
मुरैना. संकुल केन्द्र व शासकीय उमावि बघेल के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक विद्यालय फोदी पुरा और गुर्जा में वर्ष २०१९-२० में बच्चों के मान से पर्याप्त शिक्षक होने के बाद भी वहां अतिथि शिक्षक रखे गए, वही भी संकुल के प्रभारी प्राचार्य के पुत्र-पुत्री को रखा गया। अतिथि शिक्षक को रखने की जो प्रक्रिया अपनाई जाती है, उसका पालन नहीं किया गया। पिता संकुल प्रभारी होने का संभवतह पुत्र पुत्री का लाभ मिला। उक्त अनियिमितता बीआरसी पहाडग़ढ़ ने निरीक्षकण के दौरान पाई है। बीआरसी से जिला शिक्षा अधिकारी को कार्रवाइ के लिए पत्र लिखा है।
नियमानुसार बच्चों के मान के हिसाब से किसी स्कूल में अगर अतिथि शिक्षक की आवश्यकता है तो उसके लिए एसएमसी (शाला प्रबंधन समिति) की तरफ से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। जितने लोगों के आवेदन आते हैं, उनमें से मेरिट के आधार पर अतिथि शिक्षक का चयन होता है लेकिन शासकीय प्राथमिक विद्यालय फोदी पुरा व गुर्जा में सिर्फ औपचारिकता पूरी की गई है। यहां एक एक आवेदन ही आया, वह भी जिस अधिकारी को फाइनल करना हैं, उसके पुत्र पुत्री के थे। ऐसी स्थिति में उनका तो होना ही था। पीएस फोदी पुरा में पूर्व से ही दो शिक्षक भागीरथ कुशवाह व रामवीर शर्मा पदस्थ थे, यहां ५३ बच्चे थे ऐसी स्थिति में अन्य शिक्षक की आवश्यकता ही नहीं थीं फिर भी यहां संकुल प्रभारी की पुत्री को अतिथि शिक्षक के रूप में रखा गया और उसका भुगतान भी किया गया। इसी तरह पीएस गुर्जा में रविशंकर भगत अटैच था और दरबार कुशवाह यहां प्रभारी थे। और अतिथि शिक्षक के रूप में पहले से ही प्रेमशंकर कुशवाह को रखा गया था फिर भी संकुल प्रभारी के बेटे को इस संस्था पर अतिथि शिक्षक रखकर भुगतान भी लिया गया। बीआरसी पहाडग़ढ़ ने उक्त मामले को लेकर निरीक्षण प्रतिवेदन बनाकर जिला शिक्षा अधिकारी को कार्रवाई के लिए लिखा है।
कथन
– यह बात सही है कि पीएस फोदी पुरा में मेरी लडक़ी और गुर्जा में लडक़े ने अतिथि शिक्षक के रूप में काम किया है। उनको शिक्षक बिहीन शाला होने पर एसएमसी ने नाम भेजे थे, वह बात अलग है कि नाम सिंगल ही आया था। मेरे पुत्र व पुत्री ने नियमानुसार नौकरी की है जिसका भुगतान किया गया है।
राकेश शर्मा, संकुल प्रभारी, बघेल
– पीएस फोदी पुरा व गुर्जा में पहले से ही पर्याप्त शिक्षक तैनात थे, वहां बच्चों के मान के हिसाब से अतिथि शिक्षक रख ही नहीं सकते। संकुल प्रभारी ने अपने बेटा व बेटी को अतिथि शिक्षक के रूप में भुगतान करा दिया है। जबकि एक शिक्षक ने लिखकर दिया कि वह स्कूल आए ही नहीं। भुगतान कागजों में किया गया है। मुझे निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने मौखिक शिकायत की है। इसका प्रतिवेदन मैंने कार्रवाई हेतु डीइओ को भेज दिया है।
ब्रजेश शर्मा, बीआरसी, पहाडग़ढ़
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