श्योपुर विधायक के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज कराने प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया

बसपा उतरी सड़कों पर कांग्रेस को भी कटघरे में खड़ा किया, एमएस रोड पर रैली निकाली

<p>एमएस रोड पर रैली निकालते बसपा नेता व कार्यकर्ता।</p>
मुरैना. भारतीय संविधान को जलाने की विवादित धमकी देने वाले श्योपुर विधायक बाबू जंडेल के खिलाफ बसपा सड़कों पर उतरी। रैली निकालकर प्रदर्शन करते हुए बसपा ने विधायक के खिलाफ देशद्रोह का प्रकरण दर्ज करने और गिरफ्तार करने की मांग करते हुए राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को एक ज्ञापन भी दिया। आंदोलन के लिए बसपा नेता व कार्यकर्ता सुबह 11 बजे से ननि कार्यालय परिसर में एकत्र हुए और रैली निकालकर पुराने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे।

बसपा जिलाध्यक्ष इंजी. दीपेंद्र बौद्ध के नेतृत्व में ज्ञापन देने पहुंचे नेताओं ने कहा कि कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल सिंह को विधानसभा की सदस्यता से भी बर्खास्त किया जाए। ज्ञापन में कहा गया है कि कांग्रेस द्वारा गरीबों, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं सर्वसमाज की रक्षार्थ एवं मौलिक अधिकारों के लिए भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाए गए पवित्र भारतीय संविधान का अपमान किया गया है। इसलिए कांग्रेस विधायक के खिलाफ गभीर आपराधिक धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया जाए। बसपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस द्वारा देश के सभी नागरिकों का अपमान किया गया है। इस कारण पवित्र भारतीय संविधान को खत्म करने की साजिश करने वाले के विरुद्ध देशद्रोह का मामला चलाया जाए। आंदोलन में प्रदेश महासचिव रामप्रकाश राजौरिया, सोनेराम कुशवाह, पूर्व विधायक मनीराम धाकड़, जोन प्रभारी डॉ. विद्याराम कौशल, डॉ. सुरेंद्र शाक्य, डॉ. रमेश कुशवाह, लाल सिंह केवट, बैजनाथ बौद्ध, सतीश बघेल, रबी वित्तल, राजेंद्र कंषाना, भानू भास्कर, विजय सोलंकी, वैशांदर बाथम, नारायण बाजौरिया, मान सिंह, राजेंद्र भारती आदि शामल रहे।

प्राकृतिक आपदा से जानमाल की क्षति पर भरपाई हो

बसपा ने एक अन्य ज्ञापन भी राज्यपाल के नाम दिया। इसमें प्राकृतिक आपदा से बेघर हुए लोगों को शासकीय जमीन के पट्टे आवंटित करने, आवास बनाने के लिए राशि देने, 50-50 लाख रुपए प्रति पीडि़त को मुआवजा देने, मप्र में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने, राज्य कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता व अन्य सुविधाएं केंद्र के सामन देने, 2 अप्रैल 2018 आंदोलन में दर्ज प्रकरणों को वापस लेने, एससी, एसटी, ओबीसी एवं धार्मिक अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने, आरक्षित वर्ग के बैकलॉग पदों को विशेष अभियान चलाकर भरने, पदोन्नति में आरक्षा राज्यसभा से पारित हुए 17 दिसंबर 2012 को लोकसभा में पारित करने और प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण व्यवस्था सहित महंगाई, बेरोजगारी, सीवर लाइन कंपनी का ठेका निरस्त कर ठेकेदार के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने, आवारा गोवंश का प्रबंधन करने सहित अनेक मांगें इसमें शामिल रहीं। खाद और डीजल-पेट्रोल संकट, मानमाने विद्युत बिलों को रोकने, कोरोना काल के बिल माफ करने पर भी ज्ञापन में आवाज उठाई गई।
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