प्रशासन के इनकार के बाद फसलों को देखने पहुंचे पूर्व विधायक
बेमौसम बरसात से जहां प्रशासन फसलों में कोई क्षति नही मान रहा वहीं पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार ने सुमावली क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से जमीन पर गिरी धान की फसलों का मुआयना किया। उन्होंने शासन और प्रशासन से सर्वे कराने और किसानों को हुए नुकसान के अनुसार मुआवजा दिलाने की मांग भी की है।
<p>जमीन पर गिरी धान की फसल देखते पूर्व विधायक</p>
सुमावली/मुरैना. किसानों ने मिलने और फसलों में नुकसान देखने के बाद पूर्व विधायक सिरकवार ने कहा कि ऐसे में सरकार की सहानुभूति की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एवं मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ भी ग्वालियर-चंबल संभाग के किसानों को नहीं मिल पा रहा है। कार्यकर्ताओं के साथ सिकरवार ने सुमावली, नूरपुर, सिलारपुर, महाराजपुर एवं खनेता सहित आधा दर्जन गांवों में फसलों का जायजा लिया। पूर्व विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा खेत, खाद-बीज से लेकर खलिहान तक की हानि पर मुआवजे की घोषणा सार्वजनिक तौर से करते रहे हैं, लेकिन यहां खेतों में खड़ी धान एवं बाजरा की कटी फसलों में भारी नुकसान हुआ है। वहीं खेतों में डाला गया सरसों का बीच भी नष्ट हो गया है। हजारों किसानों की फसल में तीन दिन पहले हुई बरसात से नुकसान हुआ है। सरसों की बोवनी तो पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। किसानों खेतों की जुताई, बीज, खाद में लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। पकी धान व बाजरा की फसल बारिश से खेतों में खराब हो चुकी है। अब किसानों को फिर से खेतों की जुताई, खाद, बीज में लाखों रुपए खर्च करना पड़ेगा। भाजपा जिला उपाध्यक्ष उदयवीर सिंह सिकरवार, प्रदीप जादौन, रामगोपाल पांडे, सतेंद्र जैन शामिल रहे।
प्रशासन ने बारिश से जिले में फसलों को नुकसान नहीं माना
तीन दिन पहले हुई बरसात से जिला प्रशासन ने जिले में कोई नुकसान नहीं माना है। जबकि किसानों की हजारों बीघा सरसों की फसल चौपट हो गई। कटने के बाद खेतों में रखी बाजरे की फसल में भी नुकसान हुआ है। लेकिन प्रशासन ने फसलों में क्षति का सर्वे कराने और मुआवजा देने से साफ इनकार कर दिया है। किसान अपनी बर्बादी का दु:खड़ा रो चुके हैं, लेकिन सर्वे और मुआवजे की उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख के पास सर्वे का कोई निर्देश या आदेश न तो शासन स्तर से आया है और न ही प्रशासन ने इस संबंध में कुछ कहा है।