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रेलवे लाइन चुनी ताकि जल्दी पहुंचे
रेलवे लाइन पर थके हारे और जिन्दगी की आस में बैठे इन आधा दर्जन परिवारों को जिसने भी देखा वो मानो अंदर तक हिल गया। ये सभी गाजियाबाद से रेलवे लाइन के सहारे ही बदायूं के लिए चल दिए। ताकि जल्दी घर पहुंच सकें। बीते 24 घंटे से चलते हुए आज मुरादाबाद के कुन्दरकी कसबे से गुजर रही रेल लाइन पर कुछ देर आराम करने रुक गए। जिस पर स्थानीय लोगों ने हालचाल पूछ खाने-पीने का इंतजाम किया। पुलिस अब इनको बदायूं तक भेजने का इंतजाम कर रही है। क्यूंकि शासन से आदेश हैं कि बेसहारा मजदूरों को उनके गन्तव्य तक प्रशासन पहुंचाए। इन लोगों ने बताया कि जिस फैक्ट्री में काम करते थे वो बंद हो गयी। रहने का कोई ठिकाना नहीं था, खाने-पीने की भी दिक्कत हो गयी। अब जिन्दा रहने के लिए गांव लौटने के अलावा कोई चारा नहीं था।
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हजारों मजदूर हाइवे पर
बहरहाल मजदूरों के काफिलों का आना जारी है। दिल्ली लखनऊ हाइवे से लेकर देहरादून लखनऊ हाइवे की भी हालात यही है। हजारों मजदूर कोई सहारा और साधन न मिलने से पैदल ही अपने गांव- कसबे की ओर चल दिए हैं।