निगम द्वारा कर इंस्पेक्टर्स को लोगो से आवास कर ओर जल कर वसूलने के लिए रसीद बुक दी गई थी। कर विभाग के कर्मचारियों ने इन बुक से टैक्स भी वसूला। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से नगर निगम से 60 से ज्यादा रसीद बुक गायब कर दी गई। निगम बोर्ड की बैठक के दौरान पार्षदों ने इस मामले को नगर आयुक्त के सामने उठाया। घपले का संज्ञान में आने के बाद नगर आयुक्त ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए है। अपर नगर आयुक्त को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है। साथ ही उनसे जल्द पूरे मामले की रिपोर्ट देने को भी कहा गया है। फिलहाल मामला सामने आने के बाद नगर निगम में हड़कंप मचा हुआ है।
जांच के आदेश
नगर आयुक्त अवनीश कुमार शर्मा आने बताया कि मामले में जानकारी में आने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। अगर किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की भूमिका संलिप्त मिली तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
पहले की घोटालों की जांच अधूरी
यहां बता दें कि इससे पहले भी नगर निगम में कई घोटाले चल रहे हैं जिसमें जांच के दावे दो कई हुए लेकिन अभी तक कार्यवाही किसी में भी नहीं हो पाई। इन्हीं में से टेंडर निरस्त घोटाले और करोड़ों के टेंडर पास होने पर नगर आयुक्त और मेयर में काफी दिन शीत युद्ध भी चला था। अब एक बार फिर सरकारी खजाने की लूट ने निगम प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिसमें ये साबित हो रहा हीब कि नगर निगम में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा।