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छोटी बेटी के साथ रह रहे थे
बुद्धि विहार में रहने वाले महेश चंद्र गुप्ता एक निजी संस्थान से रिटायर्ड होने के बाद अपनी बेटी मानसी के साथ रह रहे थे। तीन महीने पहले महेश गुप्ता की पत्नी शशि गुप्ता का देहांत हो गया था। जिसके बाद वह अक्सर बीमार रहने लगे थे। बड़ी बेटी की शादी करा चुके महेश गुप्ता की देर रात तबियत बिगड़ी और उनकी मौत हो गयी। मानसी ने रिश्तेदारों को जानकारी दी लेकिन लॉकडाउन के चलते कोई भी रिश्तेदार अंतिम संस्कार में शामिल नही हो पाया। घर में आर्थिक तंगी थी लिहाजा पड़ोस में रहने वाले अशोक राघव ने मानसी की मदद की और अंतिम संस्कार की तैयारी करवाई। शव को मुखग्नि देने के लिए जब रिश्तेदार नही पहुंचे तो मानसी ने बेटे का फर्ज अदा करते हुए मुखग्नि देने की बात कही और शव को कंधा देते हुए श्मशान घाट तक पहुंची।
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पड़ोसियों ने दी हिम्मत
अंतिम संस्कार के दौरान भी बहुत कम लोग लॉकडाउन के चलते श्मशान पहुंचे। पिता के शव को मुखग्नि देते हुए मानसी रोती रही और स्थानीय लोग उसे ढांढस बढ़ाते रहें। मानसी ने इस दौरान अंतिम संस्कार से पहले होने वाली सभी रस्मों को भी अदा किया। a