पंजाब के पूर्व डीजीपी की गिरफ्तारी के लिए छापामारी, पुलिस ने कोठी पर ताला जड़ा

आईएएस अधिकारी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और कत्ल मामले में हैं वांछित, 30 साल पुराना है प्रकरण, कोर्ट से राहत की अवधि समाप्त होते ही पुलिस सक्रिय, मोहाली और हिमाचल प्रदेश के मंडी में भी छापामारी

<p>sumedh singh saini</p>
मोहाली/चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के पूर्व महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी की गिरफ्तारी का प्रयास तेज हो गया है। विशेष जांच दल यानी एसआईटी ने शुक्रवार को चंडीगढ के सेक्टर-20 स्थित मकान नंबर 3048 पर डीएसपी बिक्रम जीत सिंह बराड़ की अगुवाई में छापेमारी की। पूर्व डीजीपी पुलिस के हाथ नहीं लगे। इस पर पुलिस ने कोठी पर अपना ताला लगा दिया। इसके अलावा मोहाली और हिमाचल प्रदेश के मंडी में स्थित उनके फार्म हाउस पर भी दबिश दी है। सैनी तीनों ठिकानों पर नहीं मिले। पूर्व डीजीपी पर आईएएस अधिकारी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और कत्ल मामले में धारा 302 के तहत केस दर्ज है।
1991 का है मामला
उल्लेखनीय है कि कोर्ट द्वारा दिये नोटिस की अवधि खत्म होते ही पुलिस ने 4 दिन पहले ही पूर्व डीजीपी सैनी को घर पर समन भेजे थे लेकिन न मिलने पर उनके घर की दीवार पर समन चिपका दिये गये थे। पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, यूटी पुलिस के एक रिटायर्ड एसपी बलदेव सिंह, दिवंगत डीएसपी सतबीर सिंह, रिटायर्ड इंस्पेक्टर हरसहाय, अनोख सिंह, जगीर सिंह और अन्यों के खिलाफ मटौर पुलिस थाने में अपहरण और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। यह मामला 1991 का है, तब सुमेध सिंह सैनी चंडीगढ़ के एसएसपी थे। मुल्तानी को सुमेध सिंह सैनी पर चंडीगढ़ में हुए आतंकी हमले के बाद पकड़ा गया था। हमले में सैनी की सुरक्षा में तैनात चार पुलिकर्मी मारे गए थे। आरोप है कि सैनी की हत्या के विफल प्रयास के बाद पुलिस ने मुल्तानी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद मुल्तानी को जेल में टार्चर किया गया। फिर बताया गया कि मुल्तानी पुलिस की गिरफ्त से भाग गया। परिजनों का कहना था कि मुल्तानी की पुलिस के टॉर्चर से मौत हो गई थी।
सीबीआई जांच के बाद नई रिपोर्ट दर्ज

2008 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों पर चंडीगढ़ सीबीआई ने इस मामले में जांच शुरू की। इसके बाद 2008 में सीबीआई ने सैनी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। जिसके बाद पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, यूटी पुलिस के एक रिटायर्ड एसपी बलदेव सिंह, दिवंगत डीएसपी सतबीर सिंह, रिटायर्ड इंस्पेक्टर हरसहाय, अनोख सिंह, जगीर सिंह और अन्यों के खिलाफ मटौर पुलिस थाने में अपहरण और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद अब नए तथ्यों के आधार पर पंजाब पुलिस ने 7 मई को सैनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण), 201 (साक्ष्य मिटाने के कारण), 344 (गलत तरीके से कारावास), 330 और 120बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज किया था।
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