चकमा देने के लिए किया कई नेटवर्क का उपयोग
गूगल ने बताया कि सितंबर 2017 में ऊंची बैंडविथ वाले 2.5 टीबीपीएस डीडॉस के हमले को नाकाम किया था। गूगल ने एक बयान जारी कर कहा कि उनके हजारों आईपी को एक साथ निशाना बनाया गया लेकिन इसके बावजूद हमले का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। हमलावर ने चकमा देने के लिए कई नेटवर्क का उपयोग करके 167 एमबीपीएस (प्रति सेकंड लाखों पैकेट) से 1,80,000 सीएलएडीएपी, डीएनएस और एसएमटीपी सर्वरों को उजागर किया था।
गूगल ने बताया कि सितंबर 2017 में ऊंची बैंडविथ वाले 2.5 टीबीपीएस डीडॉस के हमले को नाकाम किया था। गूगल ने एक बयान जारी कर कहा कि उनके हजारों आईपी को एक साथ निशाना बनाया गया लेकिन इसके बावजूद हमले का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। हमलावर ने चकमा देने के लिए कई नेटवर्क का उपयोग करके 167 एमबीपीएस (प्रति सेकंड लाखों पैकेट) से 1,80,000 सीएलएडीएपी, डीएनएस और एसएमटीपी सर्वरों को उजागर किया था।
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कंपनी ने आगे कहा कि यह हमलावरों के साधन संपन्न होने की बात को दशार्ता है क्योंकि यह हमला, एक साल पहले मिराई बॉटनेट पर हुए 623 जीबीपीएस की तुलना में 4 गुना बड़ा था। यह अब तक का सबसे उंची -बैंडविड्थ का हमला था।
कंपनी ने आगे कहा कि यह हमलावरों के साधन संपन्न होने की बात को दशार्ता है क्योंकि यह हमला, एक साल पहले मिराई बॉटनेट पर हुए 623 जीबीपीएस की तुलना में 4 गुना बड़ा था। यह अब तक का सबसे उंची -बैंडविड्थ का हमला था।
डीडॉस हमला बढ़ाता है बेवजह का ट्रैफिक
बता दें कि डीडॉस हमला बेवजह का ट्रैफिक बढ़ाकर पीड़ित की सेवा को बाधित करती है। हालांकि यह हमला उपयोगकर्ता के डेटा को उजागर नहीं करता है और समझौता करने के लिए भी नहीं कहता है। गूगल ने बताया कि हमलावर सिस्टम को बाधित करने के लिए लगातार नई तकनीकें विकसित कर रहे हैं।
बता दें कि डीडॉस हमला बेवजह का ट्रैफिक बढ़ाकर पीड़ित की सेवा को बाधित करती है। हालांकि यह हमला उपयोगकर्ता के डेटा को उजागर नहीं करता है और समझौता करने के लिए भी नहीं कहता है। गूगल ने बताया कि हमलावर सिस्टम को बाधित करने के लिए लगातार नई तकनीकें विकसित कर रहे हैं।
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बता दें कि कंपनी ने हाल ही क्लाउड आर्मर मैनेज्ड प्रोटेक्शन की घोषणा की है जो यूजर को एप्लिकेशन की सुरक्षा के जोखिम को कम करने में सक्षम बनाता है। साथ ही गूगल ने कहा कि यह इंटरनेट समुदाय के दूसरे लोगों के साथ काम कर रहा है ताकि वह उस इंफ्रास्ट्रक्चर की पहचान करके खत्म कर सके, जिनके जरिए ये हमले किए गए।
बता दें कि कंपनी ने हाल ही क्लाउड आर्मर मैनेज्ड प्रोटेक्शन की घोषणा की है जो यूजर को एप्लिकेशन की सुरक्षा के जोखिम को कम करने में सक्षम बनाता है। साथ ही गूगल ने कहा कि यह इंटरनेट समुदाय के दूसरे लोगों के साथ काम कर रहा है ताकि वह उस इंफ्रास्ट्रक्चर की पहचान करके खत्म कर सके, जिनके जरिए ये हमले किए गए।