WHO ने चेताया: सर्दियों में कहर बरपाएगा कोरोना वायरस, बुजुर्गों की मृत्युदर में होगा इजाफा

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अमरीका (America) में स्कूल और कॉलेज खोलने के कारण कई जगह संक्रमण बढ़ने का खतरा है।
डब्ल्यूएचओ (WHO) ने अपने नियमों की समीक्षा कमेटी तैयार की है, इसमें देखा जाएगा कि क्या नियमों में बदलाव होगा।?

<p> विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी।</p>
लंदन। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि सर्दियों में कोविड-19 (Covid-19) के फैलने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में यूरोप (Europe) के कई हिस्सों में कोरोना वायरस का कहर बढ़ सकता है। संगठन के अनुसार इस दौरान अस्पतालों में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी। इसके साथ मृत्युदर में भी इजाफा होगा।
यूरोप में डब्ल्यूएचओ (WHO) के रीजनल डायरेक्टर हेनरी क्लग के अनुसार सर्दियों में युवा वर्ग बुजुर्ग आबादी के ज्यादा करीब होंगे। हम गैरजरूरी भविष्यवाणी नहीं कर सकते। मगर इसकी निश्चित रूप से आशंका है। इस दौरान ज्यादातर लोग अस्पतालों में भर्ती होंगे और मृत्युदर बढ़ जाएगी।
हेनरी क्लग का कहना है कि सर्दियों के मौसम में स्कूलों के दोबारा से खुलने से बच्चों के बीमार होने का खतरा मंडराने लगेगा। वहीं सर्दी-जुकाम का मौसम और सर्दियों के दौरान बुजुर्गों की ज्यादा मौतें हो सकती हैं। इन वजहों से संक्रमण के घातक होने का खतरा बढ़ा है।
क्लग के अनुसार दुनिया के देशों को उनकी इस चेतावनी के मुताबिक अभी से तैयारियां शुरू करनी चाहिए। अमरीका में स्कूल और कॉलेज खोलने के कारण कई जगह संक्रमण बढ़ने का खतरा है। गौरतलब है कि मिसिसीपी के एक स्कूल में 4 हजार बच्चों और 600 टीचरों को क्वारंटीन करना पड़ा है।
हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा के नियम बदलेंगे

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि उसने एक कमेटी का गठन किया है जो हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा करने के नियम को बदलेगी। कोरोना महामारी के बाद डब्ल्यूएचओ पर आरोप है कि उसने दुनिया को देरी से इस महामारी के बारे में जानकारी दी। डब्ल्यूएचओ ने 30 जनवरी को कोरोना के कारण हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की थी। इस दौरान चीन में कोरोना के केवल 100 मामले थे। अब डब्ल्यूएचओ ने अपने नियमों की समीक्षा कमेटी तैयार की है। इसमें देखा जाएगा कि क्या नियमों में बदलाव होगा।?
साउथ कोरिया: डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द

उधर दक्षिण कोरिया में मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। यही वजह है कि यहां सभी डॉक्टरों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है। उन्हें काम पर लौटने को कहा गया है। खास बात है कि इन सबके बावजूद देश के डॉक्टर तीन दिन की हड़ताल पर जाने पर अड़े हैं। दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि वो समय रहते हालात पर काबू चाहते हैं, इसके लिए सख्त कदम उठाने पर विचार हो रहा है।
मिस्र में खुली मस्जिदें

मिस्र में कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने को लेकर लगाए लॉकडाउन को पहली बार खोला गया। शुक्रवार को देश की बड़ी मस्जिदों के दरवाजे आम जनता के लिए खोल दिए गए। महामारी के कारण देश की मस्जिदें मार्च के माह से ही बंद थीं। अब इन्हें पहली बार खोला गया है। मस्जिदों के खुलने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने मस्जिदों में आकर जुमे की नमाज अदा की। इस दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया।
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