मुख्यमंत्री द्वारा लॉकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद अब आया नया आदेश दरअसल, भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर भारत की ओर से तमाम कोशिशें की जा रही हैं। हालांकि इसमें कुछ और देरी की संभावना है। इसे लेकर एक और कानूनी मुद्दा सुलझाना अभी बाकी है। फिलहाल माल्या इंग्लैंड में रह रहा है और जमानत पर बाहर है।
बीते जून में सीबीआई के सूत्रों ने बताया था कि माल्या सभी कानूनी उपायों का फायदा उठाने वाला है। इसे लेकर पहले आधिकारिक आदेश आ जाए। फिर इसकी सूचना भारतीय मिशन को देनी होगी। वहीं, जांच एजेंसियों को इस बात की पूरी संभावना है कि पूर्व राज्यसभा सदस्य होने के नाते माल्या ब्रिटेन में राजनीतिक शरण भी ले सकता है।
जून में ही सीबीआई के एक अन्य सूत्र के मुताबिक माल्या के प्रत्यर्पण में वक्त लगेगा। इसकी वजह यह है कि ब्रिटेन ने इस संबंध में औपचारिक प्रत्यर्पण आदेश जारी नहीं किया है। इतना ही नहीं माल्या के पास एक कानूनी विकल्प भी मौजूद है। यानी माल्या का भारत आना इतना आसान नहीं है, जितना लगता है और इसके लिए एक बड़ी लंबी प्रक्रिया पूरी होनी है, जबकि माल्या खुद भी अपने बचाव के लिए सभी रास्ते तलाश रहा है।
दरअसल, ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने 14 मई को लंदन में माल्या को बड़ा झटका दिया था। अदालत ने माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की अनुमति मांगी थी। सीबीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा था, “अभी विजय माल्या का प्रत्यर्पण नहीं हो रहा है। ब्रिटेन सरकार की ओर से जरूरी कदम उठाए जाने के बाद हम इस पर गौर करेंगे। फिर सभी को सूचित करेंगे।”
केंद्र सरकार ने राज्यों को Lockdown के बारे में पत्र लिखकर जारी किए सख्त निर्देश इस मामले को संयुक्त जांच निदेशक मनोज शशिधर के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल द्वारा संभाला जा रहा है। भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के अंतर्गत ब्रिटेन के गृह कार्यालय को औपचारिक रूप से माल्या को 28 दिनों के भीतर भारत में प्रत्यर्पित किए जाने के अदालती आदेश को प्रमाणित करना होगा।
गौरतलब है कि 2 मार्च 2016 को भारत से भाग जाने के बाद से विजय माल्या ब्रिटेन में रह रहा है। माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। माल्या पर कम से कम 17 भारतीय बैंकों को चूना लगाने का आरोप है क्योंकि इसने कथितरूप से करीब 40 विदेशी कंपनियों में पूर्ण या आंशिक हिस्सेदारी खरीदने के लिए इनसे ऋण लिया था।