नियमों के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को दोषी करार देने के लिए प्रस्ताव के पक्ष में सीनेट में दो तिहाई बहुमत की जरूरत थी। ट्रंप के खिलाफ प्रस्ताव पारित होने के लिए 67 वोटों की जरूरत थी। लेकिन उनके खिलाफ जरूरी वोट से नौ वोट कम पड़े।
सीनेट में डेमोक्रैट 17 मत हासिल नहीं कर पाए बता दें कि अमरीका में 6 जनवरी को कैपिटल हिल में हुई हिंसा के बाद ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। प्रतिनिधि सभा से महाभियोग को मंजूरी मिल गई थी लेकिन सीनेट में ये प्रस्ताव गिर गया। ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के केवल 7 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया। सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 सदस्य हैं। उन्हें 17 रिपब्लिकन नेताओं के मतों की आवश्यकता थी, जो नहीं मिला।
ट्रंप ने नहीं भड़काई हिंसा अमरीकी संसद भवन यानि कैपिटल हिल में हुए दंगों के मामले में महाभियोग का सामना कर रहे देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों ने सीनेट में कहा कि रिपब्लिकन नेता पर लगे राजद्रोह भड़काने के आरोप गलत हैं। ट्रंप के वकीलों ब्रूस कैस्टर, डेविड शोएन और माइकल वान डेर वीन ने पूर्व राष्ट्रपति के पक्ष में शुक्रवार को एक-एक करके दलीलें पेश कीं और कहा कि ट्रंप कानून-व्यवस्था के कड़े समर्थक हैं। उन्होंने कैपिटल में अराजकता नहीं भड़काई।