वार्ता में कामयाबी की उम्मीद
आपको बता दें कि इससे पहले दोनों पक्षों के बीच पिछले महीने कतर की राजधानी दोहा में बातचीत हुई थी। इस दौरान तालिबान ने वादा किया था कि वह अफगानिस्तान को अतंरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों की सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनने से रोकेगा। तालिबान की ओर से किए गए इस वादे के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि अफगानिस्तान में शांति के लिये चल रही वार्ता में कामयाबी मिलेगी।
इस बार वार्ता का क्या होगा मुद्दा?
आपको याद दिला दें कि साल 2001 में अमरीका ने ही तालिबान को सत्ता से बाहर निकाला था। उसके बाद से अब दोनों पक्षों के बीच पहली बार इस तरह की वार्ता होने वाली है। इसके साथ ही गौर करने वाली बात ये भी है कि अभी तक अमरीका की अफगानिस्तान से वापसी और संघर्षविराम को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं हो पाया है। किसी भी पक्ष ने अब तक ये भी साफ जानकारी दी है कि ये बातचीत कब तक चल सकती है। इसके साथ ही इस बात की जानकारी भी जाहिर नहीं है कि इस बार किस पहलू पर चर्चा की जाएगी।