America: सुप्रीम कोर्ट की जज बनीं एमी कोनी बैरेट, डोनाल्ड ट्रंप ने किया था नामित

Highlights

एमी कोनी के पक्ष में 52 और विरोध में 48 वोट पड़े हैं।
एमी कोनी बैरेट सर्वोच्च न्यायालय की 115 वीं एसोसिएट जस्टिस होंगी।

<p>डोनाल्ड ट्रंप के साथ एमी कोनी बैरेट</p>
वाशिंगटन। अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव से एक सप्ताह पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के नए जज का चुनाव हो गया। अमरीकी सीनेट में सुप्रीम कोर्ट के नए जज के लिए वोटिंग की गई। इस वोटिंग में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नामित एमी कोनी बैरेट को जीत हासिल हुई है। बैरेट सुप्रीम कोर्ट की नई जज बन गईं हैं।
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डेमोक्रेट ने एमी के पक्ष में मतदान नहीं किया

सीनेट के अनुसार, एमी कोनी के पक्ष में 52 और विरोध में 48 वोट पड़े हैं। एमी के पक्ष में किसी भी डेमोक्रेट ने मतदान नहीं किया है। वाइट हाउस ने ट्वीट कर ऐलान किया कि ‘एमी कोनी बैरेट सर्वोच्च न्यायालय की 115 वीं एसोसिएट जस्टिस होंगी’। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बैरेट शिकागो स्थित 7वें यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स की न्यायाधीश हैं। बैरेट दिवंगत जस्टिस रूथ बेडर गिन्सबर्ग की जगह लेंगी। वाइट हाउस के एक अधिकारी के अनुसार बैरेट को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा।
वाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने मीडिया से कहा सीनेट ने बैरेट के नामांकन को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि ‘बैरेट की जीत सुप्रीम कोर्ट में 6-3 से रूढ़िवादी बहुमत को मजबूत करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ज्वाइन करेंगी

मीडोज ने कहा कि बैरेट की जीत रिपब्लिकन के लिए काफी मायने रखती है। इससे दशकों तक उच्च न्यायालय द्वारा किए गए फैसलों पर प्रभाव पड़ेगा। उन्हें उम्मीद है कि एमी एक जज के तौर पर जल्द ही सुप्रीम कोर्ट ज्वाइन करेंगी और वह अगले सप्ताह होने वाले चुनावों को लेकर अहम याचिकाओं पर न्यायिक कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।
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अमरीका के कानूनों में बदलाव की उम्मीद

एमी व्यक्तिगत तौर एक अच्छी लेखिका भी हैं। मानवाधिकारों पर भी उन्होंने कई दलीलें दी हैं। बैरेट को रूढ़िवादी विचारों का कहा जाता है। लोगों के अनुसार एमी के सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर नियुक्त होने से अमरीका के कानूनों में बदलाव आ सकता है। खासकर गर्भपात कानून में बदलाव की मांग को बल मिल सकता है। वहीं बैरेट की आजीवन नियुक्ति से आने वाले सालों के लिए लिए नौ सदस्यीय कोर्ट में वैचारिक तौर पर रूढ़िवादी बहुमत को मजबूती मिलेगी।
गौरतलब है कि अमरीका में जजों की नियुक्ति आजीवन होती है। दूसरी अदालतों से अलग यहां के जजों का कोई रिटायरमेंट की उम्र तय नहीं है। अमरीकी सुप्रीम कोर्ट में नौ जज होते हैं। कोई अहम फैसले के दौरान अगर इनकी राय 4-4 में बंट जाती है तो सरकार द्वारा नियुक्त जज का वोट निर्णायक साबित हो सकता है।
अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बैरेट को नामित करते समय बीते माह कहा था कि “अगर तय हो जाता है,तो जस्टिस बैरेट अमरीकी सुप्रीम कोर्ट में सेवा देने वाली पहली मां के रूप में इतिहास रचेगीं, जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं।’
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