वॉशिंगटन। भारत के बाद चीनी ऐप पर बैन लगाने की होड़ लग गई है। खासकर टिकटॉक (TikTok) को लेकर कई देशों में मांग उठने लगी है कि इस ऐप की वजह से डेटा की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। अमरीका (America) टिकटॉक समेत कई चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike pompeo) ने सोमवार देर रात इस संबंध में ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वे निश्चित रूप से चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया में भी चीनी ऐप पर पांबंद की मांग तेज हो गई है। भारत में टिकटॉक बैन से करीब छह अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
चीन ने डेटा की मांग नहीं की है
गौरतलब है कि बीते दिनों भारत सरकार ने TikTok सहित 59 चाइनीज ऐप को बैन कर दिया था। इसके बाद चाइनीज कंपनियों की तरफ से सरकार से अपील की गई कि वे भारतीय यूजर्स का डेटा चाइनीज सरकार संग शेयर न करें। टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर ने भारत सरकार को पत्र लिखकर कहा कि चीन की सरकार ने कभी भी उनसे यूजर्स के डेटा की मांग नहीं की है।
गौरतलब है कि टिकटॉक को भले ही भारत में हाल फिलहाल में बैन हुआ है मगर ये चीन में यह बहुत पहले से बैन है। हालांकि यह कंपनी (ByteDance) की है, जो एक चाइनीज कंपनी है। भारत सरकार द्वारा बैन लगाए जाने के बाद से उसने बीजिंग से दूरी बना ली है। इस मामले में कंपनी लगातार अपनी तरफ से सफाई दे रही है कि भारतीय यूजर्स का डेटा सिंगापुर के सर्वर में एकत्र होता है। चीन सरकार ने कभी भी उनसे डेटा की मांग नहीं की है।
चीनी कंपनी की स्थापना 2012 में हुई
चीनी कंपनी ByteDance की स्थापना 2012 में हुई थी। इसने 2016 में चाइनीज मार्केट के लिए Douyin ऐप को तैयार किया था। यह टिकटॉक का हूबहू है। हालांकि यह वहां के कठोर नियम के हिसाब से काम करता है। अगले साल यानी 2017 में बाइटडांस ने TikTok को दुनिया के बाजार में उतार दिया। इस ऐप ने लोकप्रियता के झंडे गाड़ दिए थे। इस ऐप पर चीन में बैन है या यूं कहें कि इसे चीन के बाजार में लॉन्च नहीं किया गया। कंपनी ने दोनों ऐप के लिए अलग-अलग सर्वर का इस्तेमाल किया है।