दरअसल यह मामला ईरान का है जहां जहरा इस्माइली नाम की महिला को पति अलिर्ज़ा ज़मानी की हत्या करने के जुर्म में रजाईशहर जेल में फांसी दी जाने वाली थी। लेकिन उससे पहले करीब 16 पुरुषों को भी उसी जेल में उसी वक्त उसके सामने फांसी पर लटकाया गया जिसे देखकर उस महिला की हालत इतनी खराब हो गई उसे दहशत के चलते हार्ट अटैक आ गया और महिला की मौत हो गई। लेकिन क्रूर कानून ने महिला की मौत के बाद भी उसके जिस्म को फांसी पर लटकाकर अपनी सारी औपचारिकताएं पूरी की। फांसी के फंदे पर लटकाने का बाद ही शव को निकाला गया।
क्रूर कानून ने मुर्दा जिस्म को भी नहीं छोड़ा
जानकारी के मुताबिक ईरान की राजधानी तेहरान में पिछले हफ्ते एक साथ 17 लोगों को फांसी की सजा दी गई। फांसी की सजा पाने वालों में 17 पुरुष और एक महिला शामिल थे। महिला को फांसी सबसे आखिर में दी जानी थी और उससे पहले 16 लोगों को उसके सामने फांसी दी जानी थी। उस महिला के सामने अभी चार ही लोगों को फांसी दी गई थी कि इस नजारे को देख महिला को हार्ट अटैक आ गया और उसकी मौत हो गई। इसके बाद भी ईरान के क्रूर कानून ने मुर्दा शरीर को नहीं छोड़ा और मुर्दा जिस्म को फांसी पर लटकाया गया फिर कुछ सेकेंड तक लटकाकर नीचे उतार दिया गया।
महिला का कसूर
बताया जाता है कि ति पत्नि के बीच लड़ाई होने के बाद दो बच्चों की मां ने अपने पति की हत्या कर दी। महिला का पति खुफिया मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी थे। और अक्सर वो कथित तौर पर महिला और उसकी बेटी दोनों के लिए अपमानजनक व्यवहार किया था और इसके बाद आत्मरक्षा में महिला ने जो कदम उठाया उसमें गलती से पति की मौत हो गई। ईरान के मानवाधिकार निगरानी (HRM) के अनुसार, इस्माइली के मृत्यु प्रमाण पत्र ने उसकी मृत्यु का कारण “कार्डिएक अरेस्ट” बताया गया।
ईरान में आम है फांसी की सजा
ईरान नियमित रूप से मौत की सजा देने की वार्षिक तालिका में चीन के बाद दूसरे स्थान पर आता है। वर्षों से ईरानियों को समलैंगिक होने, शादी से बाहर सेक्स करने और शराब पीने के लिए मार दिया जाता है।