जैकब जुमा के भारत में सहारनपुर के गुप्ता बंधुओं से भी रिश्ते बताए गए हैं। इनके खिलाफ दक्षिण अफ्रीका में भ्रष्टाचार को लेकर जांच चल रही है। पचास अरब रैंड के भ्रष्टाचार के मामले में जुमा मुख्य आरोपी रहे हैं। इसमें तीन गुप्ता बंधु भी शामिल हैं। गुप्ता बंधुओं से उनकी खास निकटता बताई जाती है। गुप्ता बंधुओं पर आरोप है कि जुमा के दो पुत्रों को कथित तौर पर फायदा पहुंचाया।
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आयोग के समक्ष पेश होने में विफल रहे
अपने कार्यकाल के समय भ्रष्टाचार के आरोप की जांच कर रहे आयोग के समक्ष पेश होने में विफल रहने को लेकर उच्चतम न्यायालय ने उन्हें अवमानना का दोषी ठहराया है। 79 वर्षीय जुमा पर 2009 से 2018 के समय करीब नौ वर्ष तक पद पर रहते हुए सरकारी राजस्व में लूट का आरोप है। जुमा सुनवाई के दौरान अदालत में नहीं पहुंचे। उन्हें थाने में आत्मसमर्पण के लिए पांच दिनों का समय दिया गया।
जुमा को दो वर्ष कैद की सजा दी जाए
यदि वे आत्मसमर्पण नहीं करते हैं तो उनकी गिरफ्तारी का आदेश देना होगा। कोर्ट के अनुसार उनकी सजा निलंबित नहीं की जा सकती है। कई संस्थानों में भ्रष्टाचार और रिश्वत के आरोपों से घिरे होने के कारण आयोग ने कहा कि जुमा को दो वर्ष कैद की सजा दी जाए।
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जुमा के बयानों को विचित्र बताया
जुमा ने बार-बार कहा है कि आयोग के साथ सहयोग की बजाय वह जेल जाएंगे। संवैधानिक कोर्ट की न्यायमूर्ति सिसी खाम्पेपे ने मंगलवार की सुबह दिए फैसले में उन्होंने जुमा के बयानों को विचित्र और बर्दाश्त न करने वाला बताया है। न्यायाधीश खाम्पेपे के अनुसार कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि जुमा अदालत की अवमानना के दोषी हैं।