1918 में पड़ा था ऐसा सूर्य ग्रहण
बताया जा रहा है कि सोमवार को पडऩे वाला इस तरह का सूर्य ग्रहण 99 साल पहले 1918 में देखने को मिला था। यह सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका के कुछ हिस्से, यूरोप के पश्चिमी-उत्तरी हिस्से, पूर्वी एशिया, उत्तर पश्चिमी अफ्रीका आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा। हालांकि, भारत के लोग इस सूर्य ग्रहण का दीदार नासा की वेबसाइट के जरिए कर सकते हैं। नासा सूर्य ग्रहण का लाइव प्रसारण करेगा। रिपोट्र्स के मुताबिक नासा ने 12 जगहों से सूर्य ग्रहण को कवर करने की योजना बनाई है। वहीं नासा इसे रिसर्च प्लेन, गुब्बारों और सैटेलाइट से भी कवर करेगा।
ये होगा सूर्य ग्रहण का अमरीकी समय
द ग्रेट अमेरिकन ग्रहण के नाम से पुकारे जाने वाले इस सूर्य ग्रहण आंशिक चरण 1546 GMT (9.16 PM IST) में प्रशांत महासागर से शुरू होगा और 18.48 GMT (12.52 A.M GMT) में समाप्त होगा। कुल मिलाकर इस प्रभाव ओरेगन से इडाहो, वायोमिंग, नेब्रास्का, कैनसस, मिसौरी, इलिनोइस, केंटुकी, टेनेसी, जॉर्जिया, उत्तरी केरोलिना और अंत में, दक्षिण कैरोलिना में दिखाई देगा। ग्रहण 2.44 मिनट के लिए कारबोंडेल, इलिनोइस के पास सबसे लंबे समय तक चलेगा।