लाल हुआ समंदर फेरो आइलैंड में ह्वेल मछलियों के इस शिकार से समंदर एकदम लाल नजर आ रहा था। पशु प्रेमी इस शिकार से खासे नाराज हैं जबकि सरकार का कहना है कि पायलट व्हेल का मांस चरबी लंबे समय से उनके देश के आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। मीडिया के खबरों के अनुसार फेरो आईलैंड में पायलट व्हेलों का शिकार 30 जुलाई को पश्चिमी आईलैंड के सांडवागुर की खाड़ी में हुआ था। यह शिकार कानूनी तौर पर वैध है। यह हर साल ह्वेल मछली के होने वाले शिकारों जैसा ही था। लेकिन माना जा रहा है कि समुद्र की धरा उल्टी बहने से ह्वेल मछलियों का खून तट की तरफ आ गया।
वन्य जीव प्रेमियों में नाराजगी ब्रिटेन में ब्लू प्लेनेट सोसाइटी ने व्हेलों के शिकार की निंदा की और फेरो आईलैंड को प्राचीन देश बताते हुए उसे समय के साथ कदम ताल करने और सभ्य विश्व में शामिल होने की जरूरत बताई। प्लेनेट सोसाइटी ने इस तरह ह्वेलों को मारे जाने की निंदा की। उसने अपने बयान में कहा कि ऐसे लोगों के लिए जीवों का कोई सम्मान और उनके प्रति कोई सहानुभूति नहीं है।
सरकार ने किया शिकार का बचाव सरकार ने व्हेलों के शिकार को प्राकृतिक बताया और अमानवीय शिकार के आरोपों को खारिज कर दिया। फेरो आईलैंड की सरकार का कहना है कि पायलट व्हेल का मांस और चरबी लंबे समय से उनके देश के आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। स्थानीय समुदाय बड़े पैमाने पर इस मांस का सेवन करते हैं। फेरो आईलैंड की सरकार का कहना है कि हर एक ह्वेल से कई पोजरीवारों का पेट भरता है।अन्यथा इसे विदेश से आयात करना पड़ता।
फेरो में वैध हैं ह्वेल का शिकार बता दें कि फेरो आइलैंड में ह्वेल का शिकार वैध है। नियमों के अनुसार ह्वेल को बिना दर्द दिए मारना होता है। यहाँ ह्वेल के शिकार के लिए पहले ट्रेनिंग दी जाती है और इसके लिए लाइसेंस लेना जरूरी होता है। यहाँ हर साल सैकड़ों ह्वेलों का शिकार किया जाता है।