अब अपने घर पर खुद से कर सकते हैं कोरोना टेस्ट, किट को मिली मंजूरी
जानलेवा है वायरस
कैटलीन कोसाब्लोम नाम की एपिडेमियोलॉजिस्ट की रिसर्च के मुताबिक 2019 में बोलीविया की राजधानी ला पेज में दो मरीजों ने तीन हेल्थकेयर वर्कर्स में इस वायरस को ट्रांसमिट कर दिया था। जिसके बाद इसके बाद एक मरीज और दो हेल्थ वर्कर्स की मौत हो गई थी। ये वायरस कोरोना की तुलना में कई गुना खतरनाक बताया जा रहा है।
रिसर्चर्स की माने तो ये ये वायरस कई सालों तक अनडिटेक्टेड रहा है। इस वायरस को बड़े आसानी से डेंगू के साथ कंफ्यूज किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक इस वायरस का शुरूआती लक्षण डेंगू जैसा ही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वायरस के बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए उन्हें अभी बहुत से शोध करने की जरूरत है।
चूहों से फैला
डेली मेल के रिपोर्ट के मुताबिक ये वायरस इंसानों में चूहे के जरिए आया है। इस वायरस के संक्रमण के बाद मरीज बुखार, पेट दर्द, उल्टी, मसूड़ों से खून आना, त्वचा पर चकत्ते और आंखों के पीछे दर्द जैसी शिकायतों से जूझ सकता है। सबसे बड़ी बात इस वायरस के लिए भी कोई सटीक दवा अभी नहीं बन पाई है।
कई शोध हैं जारी
बता दें अमेरिकन हेल्थ प्रशासन इस वायरस को पहचानने, इसे कंट्रोल करने और इसके लिए कई तरह के शोध करवा रही है। इसके साथ ही WHO की पैन अमेरिकन हेल्थ संस्थान की ब्रांच लगातार इस मामले में एक-दूसरे का सहयोग कर रही हैं।
चीन से पहले इस देश में फैल चुका था कोरोना वायरस !
वहीं अमेरिकन सोसाइटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन ने इस वायरस को लेकर एक शोध किया है। जिसके मुताबिक जो वायरस शरीर के तरल पदार्थों द्वारा फैलते हैं उन्हें कंट्रोल करना आसान होता है। वहीं श्वास संबंधी वायरस मसलन कोरोना वायरस को कंट्रोल करना कहीं मुश्किल होता है। हालांकि इस वायरस के संक्रमण को लेकर अभी कोई सही जानकारी नहीं मिल पाई है।