नेपाली संसद ने विवादित नक्शे को दी मंजूरी, राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए भेजने की तैयारी रेमेडिसीवर का पशुओं पर किया गया अध्ययन काफी असरदार रहा है। उन्होंने बताया कि दवा का परीक्षण कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों में किया गया जा रहा है। अमरीका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार इस दवा का दायरा काफी व्यापक बताया गया है।
अनुसंधानकर्ता एमी डी विट और उनके सहयोगियों का कहना है कि रेमेडिसीवर के प्रभाव का बंदरों की पुरानी प्रजाति पर अध्ययन किया गया है। इसमें पाया गया है कि जिन लंगूरों को ये दवा दी गई, उनमें सांस संबंधी बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए। उनके फेफड़ों को भी कम क्षति पहुंची है। शोधकर्ताओं के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों में शुरूआती दौर में इस दवा का इस्तेमाल उपचार को प्रभावी बनाएगा।
गौरतलब है कि कोरोना संकट में अमरीकी वैज्ञानिकों ने रेमडेसिविर नामक दवा के बड़े असर का दावा किया था। इसके बाद ट्रंप ने अमरीका में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए इस दवा पर दांव खेला और अब जापान ने भी इसे मंजूरी दे दी है। इस तरह इस दवा को कोरोना के इलाज के लिए मंजूरी देने वाला जापान अब तक दूसरा देश बन चुका है। अमरीका ने इस दवा को कोरोना के इमरजेंसी केस में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी।