अमरीकी कंपनी Coronavirus Vaccine बनाने के करीब, 131 लोगों पर परीक्षण की तैयारी

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‘नोवावैक्स’ (Novavax) के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. ग्रिगोरी ग्लेन के अनुसार कंपनी पहले चरण का परीक्षण शुरू कर चुकी है।
अमरीका के साथ चीन और अन्य यूरोपीय देशों में करीब दर्जन भर प्रायोगिक दवाएं परीक्षण के प्रारंभिक चरण में हैं।

<p>अमरीका की एक बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ने किया परीक्षण।</p>
वाशिंगटन। कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी को लेकर पूरी दुनिया में इसकी दवा को खोजने की होड़ लगी हुई है। अमरीका की एक बायोटेक्नोलॉजी (Biotecnology) कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस के संक्रमण की दवा का मनुष्यों में परीक्षण करना शुरू कर दिया है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष के अंत तक ये दवा बाजार में आ जाएगी।
बायोटेक्नोलॉजी कंपनी ‘नोवावैक्स’ (Novavax) के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. ग्रिगोरी ग्लेन के अनुसार कंपनी पहले चरण का परीक्षण शुरू कर चुकी है। इसमें मेल्बर्न और ब्रिस्बेन शहरों के 131 स्वयं सेवियों पर दवा का परीक्षण किया जाएगा।
ग्लेन ने ‘नोवावैक्स के मैरीलैंड स्थित मुख्यालय से ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वे दवा और टीकों एक साथ परीक्षण कर रहे हैं। इसका ट्रायल कर हम जल्द इसे साल के अंत तक सामने ले आएंगे। यह काफी कारगर दवा होगी। जो जल्द बाजार में उपलब्ध होगी।’
गौरतलब है कि अमरीका के साथ चीन और अन्य यूरोपीय देशों में करीब दर्जन भर प्रायोगिक दवाएं परीक्षण के प्रारंभिक चरण में हैं या उनका परीक्षण शुरू होने वाला है। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इनमें से कौन सी दवा सुरक्षित और कारगर साबित होगी या नहीं। कई दवाएं अलग-अलग तरीकों से काम करती हैं।
‘नोवावैक्स’ ने कोरोना वायरस स्पाइक प्रोटीन विकसित करने के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग का उपयोग किया है। इसकी मदद से शरीर का इम्यून सिस्टम ट्रेन होता है। कोरोना के संपर्क में आने पर ये एक्टिव हो जाता है और वह प्रतिक्रिया देता है। स्पाइक प्रोटीन को तैयार करने के लिए हानिरहित वायरस का उपयोग होता है। ज्यादा कंपनियां शरीर को एम्यून बनाने के तर्क पर अपनी दवाएं तैयार कर रही हैं। इससे बीमारी के दोबारा लौटने पर भी शरीर अपनी प्रतिरोधक क्षमता से इसे हरा पाएगा।
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