NASA ने Perseverance Mars Rover को लॉंच किया गया है, जो अपने साथ न सिर्फ हेलिकॉप्टर Ingenuity लेकर गया है बल्कि इसमें कुछ खास चीज भी साथ गई है। नासा का यह रोवर मंगल पर रिसर्च के दौरान आने वाले समय में इंसानों के लिए जरूरी मानकों को भी जांचा जाएगा।
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Perseverance Mars Rover में एक ऐसी डिवाइस लगाई गई है जो मंगल पर ऑक्सिजन पैदा करने की कोशिश करेगी। बता दें कि मंगल ग्रह के वायुमंडल में 0.2 प्रतिशत से भी कम ऑक्सिजन है।
मंगल में पैदा किया जाएगा ऑक्सीजन
आपको बता दें, नासा ने Perseverance Mars Rover के साथ एक डिवाइस भेजा है। इस डिवाइस का नाम है Mars Oxygen In-Situ Resource Utilization Experiment यानी MOXIE। इस रोबॉट का आकार कार की बैट्री जैसा है, जो कि उस डिवाइस का छोटा मॉडल है। वैज्ञानिक 2030 तक मंगल पर इस डिवाइस को भेजना चाहते हैं।
MOXIE एक पेड़ की तरह काम करेगा। मतलब जिस तरह से पेड़ कार्बनडायऑक्साइड लेता है और ऑक्सीजन छोड़ता है, उसी तरह से MOXIE भी कार्बनडायऑक्साइड लेगा और ऑक्सीजन छोड़ेगा। इस डिवाइस को खास तरह से डिजाइन किया गया है।
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नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, MOXIE कार्बन डाई ऑक्साइड ( CO2 ) के मॉलिक्यूल्स को ऑक्सिजन और कार्बन मोनोऑक्साइड में स्प्लिट करेगा। इसके बाद ऑक्सिजन के मॉलिक्यूल मिलकर 99.2% तक शुद्ध ऑक्सीजन ( O2 ) बनाएंगे। इस ऑक्सीजन और कार्बन मोनोऑक्साइड को यह डिवाइस मंगल के वायुमंडल में छोड़ेगा।
MOXIE के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर माइकल हेट ने बताया है कि गैस मंगल ग्रह के वायुमंडल में वापस जाकर ऑक्सिजन से मिल जाएगी और फिर कार्बन डायऑक्साइड पर बदल जाएगी। उन्होंने बताया कि MOXIE एक छोटा एक्सपेरिमेंट है। अगर ये उम्मीद के मुताबिक काम करता है तो एक घंटे में 10 ग्राम ऑक्सिजन बना सकेगा। यह 18 फरवरी, 2021 को लैंड होने के बाद काम करना शुरू कर देगा।