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विशेषज्ञों का कहना है कि आठ दलों के गठबंधन वाली सरकार को चलाना मुश्किल होगा। गठबंधन में कई दलों की विचारधारा में बढ़ा अंतर देखने को मिल रहा है। दरअसल नेतन्याहू को सत्ता से हटाने के लिए आठ दलों ने अपने वैचारिक मतभेदों को भुलाकर हाथ मिलाया है। गौरतलब है कि बीते 12 साल से सत्ता में रहे 71 वर्षीय बेंजामिन नेतन्याहू ने बेन गुरियन का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। बीते दो साल में चार बार हुए चुनाव में किसी को भी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हुआ। ऐसे में आठ दलों ने मिलकर नेतन्याहू को सत्ता से हटने पर मजबूर कर दिया।
आखिरी वक्त तक योजना बनाते रहे
इजराइल के विपक्षी दल नेतन्याहू को सत्ता से पूरी तरह से बेदखल करने के लिए आखिरी वक्त तक योजना बनाते रहे। इसके बाद आठ विपक्षी पार्टियों ने समझौता कर नेतन्याहू को सत्ता से हटा दिया। रोटेशन पॉलिसी के तहत यामिना पार्टी के नफ्टाली बेनेट पहले पीएम होंगे। उनके बाद लिपिड देश के पीएम होंगे। नेफ्टाली दो साल के लिए पीएम बने हैं। उनके बाद 2023 में पत्रकार रह चुके लिपिड को सत्ता सौंपी जाएगी। खास बात है कि नेतन्याहू द्वारा बहुमत जुटाने में नाकाम रहने के बाद सबसे पहले लिपिड को ही राष्ट्रपति बनने के लिए आमंत्रित किया गया था।
चुनावों का सामना करना पड़ा
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह गठबंधन ऐतिहासिक है क्योंकि इसमें अरब पार्टी भी शामिल है। इस तरह से इजराइल में जारी राजनीतिक गतिरोध को खत्म किया जा सकेगा। गौरतलब है कि दो सालों में देश को चार बार चुनावों का सामना करना पड़ा है, क्योंकि नतीजे निर्णायक नहीं आ पाए। गठबंधन में, येश अतीद, कहोल लावन, लेबर, यामिना, न्यू होप, मेरेट्ज़ और यूनाइटेड अरब जैसे राजनीतिक दलों को शामिल किया गया है।
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हम जल्द लौटेंगे: नेतन्याहू
नए पीएम के चुनाव के लिए संसद में जाते समय निवर्तमान पीएम नेतन्याहू ने मीडिया से कहा कि वे जल्द सत्ता में वापसी करेंगे। सदन के भीतर विपक्षी दलों के नेताओं के भाषण के दौरान नेतन्याहू के समर्थक नारे लगाते रहे। इस दौरान तीखी नोकझोक भी देखने को मिली।