इन सबके बीच दुनियाभर के मुस्लिम देशों की ओर से धमकी दिए जाने के बाद से फ्रांस सरकार भी हरकत में आ गई है और इस्लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकार ने देश में कई मस्जिदों में ताला ( Pantene Mosque Locked ) लगा दिया है।
फ्रांस के खिलाफ Bangladesh में मुसलमानों ने निकाली रैली, फ्रेंच प्रोडक्ट के बायकॉट की मांग
फ्रांस के सबसे चर्चित पैन्टिन मस्जिद को बंद किए जाने पर लोगों का गुस्सा और भी अधिक भड़क गया है। मस्जिद पर एक नोटिस चिपकाया गया है, जिसमें लिखा है कि इस्लामिक कट्टरपंथ गतिविधियों में शामिल होने को लेकर इसे बंद किया गया है। इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने इस कट्टरपंथी इस्लाम ( Islamic Fundamentalist ) की कड़ी आलोचना की थी और बीते सप्ताह इतिहास के शिक्षक की हुई हत्या को उन्होंने इस्लामिक आतंकवादी हमला करार दिया था।
कई देशों में राष्ट्रपति मैक्रों का विरोध
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान को लेकर दुनियाभर के कई देशों में व्यापक विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। बांग्लादेश में हजारों मुस्लमानों ने रैली निकाली तो वहीं इराकी मुसलमानों ने भी मैक्रों की तस्वीर जलाकर विरोध जताया। वहीं कई कुवैत, जॉर्डन और कतर समेत कई अरब देशों ने फ्रांसीसी प्रोडक्ट के बहिष्कार का ऐलान किया है।
इतना ही नहीं, बांग्लादेश के अलावा, लीबिया, सीरिया और गाजा पट्टी में भी फ्रांस के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन को लेकर फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने एक बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बहिष्कार की बेबुनियाद बातें अल्पसंख्यक समुदाय का सिर्फ कट्टर तबका ही कर रहा है।
सरकार ने कहा कि अब तक 120 से अधिक स्थानों और संगठनों की जांच की गई। इन सभी पर कट्टरपंथी विचारधारा को फैलाने का आरोप है। सरकार ने साफ कर दिया है कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि इससे पहले फ्रांस में मैक्रों सरकार के दौरान अब तक किसी आतंकी हमले के बाद ऐसी कड़ी कार्रवाई नहीं हुई थी।